मोदी सरकार विरोध की आवाजों को षडयंत्र-देशद्रोह कहकर कुचलने पर आमादा- रिहाई मंच

 मोदी सरकार विरोध की आवाजों को षडयंत्र-देशद्रोह कहकर कुचलने पर आमादा- रिहाई मंच


लखनऊ, 18 फरवरी 2021। रिहाई मंच ने कहा कि कलाकारों, पत्रकारों, स्कॉलरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर राजद्रोह और आतंकवाद जैसे आरोपों में मुकदमे कायम करना लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने जैसा है जिसका विरोध किया जाना चाहिए।रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में सरकार के आलोचकों, पत्रकारों, हास्य कलाकारों और स्कॉलरों पर राजद्रोह जैसे संगीन आरोपों में मुकदमे कायम कर जेल में डालने का चलन लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि सरकार की वैचारिक आधार पर की जाने वाली इन कार्रवाइयों का सबसे बड़े शिकार सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले और अल्पसंख्यक हैं।

राजीव यादव ने कहा कि दिशा रवि, शरजील उसमानी, मुनव्वर फारूकी, सिद्दीक कप्पन, शरजील इमाम और हाल ही में उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए पपुलर फ्रंट के कार्यकर्ता केरला निवासी इंशाद और फिरोज हैं। उन्होंने कहा कि इन गिरफ्तारियों के पीछे राजनीतिक कारण हैं यह इस बात से भी जाहिर होता है कि मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत दिए जाने के बाद भी मध्यप्रदेश पुलिस ने रिहाई अटकाने का प्रयास किया तो सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश को फोन कर के हस्तक्षेप करना पड़ा।उन्होंने कहा कि रोना विल्सन के लैपटॉप को हैक कर उसमें आपत्तिजनक दस्तावेज़ों को डालने का मामला सामने आया है जिससे पता चलता है कि वैचारिक विरोधियों के खिलाफ उच्चतम स्तर पर साज़िश की जा रही है। पत्रकार सिद्दीक कप्पन को बलात्कार पीड़िता दलित बालिका मामले को कवर करने के लिए हाथरस जाते हुए गिरफ्तार कर यूएपीए के तहत मुकदमा कायम कर दिया गया। पर्यावरण नेत्री दिशा रवि के खिलाफ जिस टूलकिट के आधार पर राजद्रोह का मुकदमा कायम किया गया है उसके बारे में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों समेत विशेषज्ञों की राय दिल्ली पुलिस के आरोपों का खंडन करती है।मंच महासचिव ने कहा कि 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार दिखाए गए पापुलर फ्रंट के कार्यकर्ता और केरल निवासी इंशाद और फिरोज को लेकर पापुर फ्रंट ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि दोनों पर फर्जी मुकदमे लगाए गए हैं। फ्रंट का आरोप है कि दोनों को पश्चिम बंगाल से वापस लौटते हुए 11 फरवरी को ट्रेन से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सीएए आंदोलन के समय भी प्रदेश सरकार ने पापुलर फ्रंट पर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगाए थे लेकिन वह अदालत में कोई सबूत नहीं पेश कर सकी और गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को अदालत द्वारा ज़मानत पर रिहा कर दिया गया।  


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