देश की आत्मा ताज महल पर कोई आंख उठाकर न देखे! ब्राह्मणवादी विचारधारा के आतंक वादी व्यवस्था से आजादी लेकर रहेंगे बहुजन*




 *देश की आत्मा ताज महल पर कोई आंख उठाकर न देखे! ब्राह्मणवादी विचारधारा के आतंक वादी व्यवस्था से आजादी लेकर रहेंगे बहुजन*

 मेरठ/आगरा;- भारत देश की आत्मा और अंतरराष्ट्रीय विख्यात सात अजूबों में ताजमहल पहला अजूबा विश्व प्रसिद्ध है लेकिन कुछ आतंकवादी विचारधारा के लोग ताजमहल पर भी आतंकवाद हमले करने पर दिखाई और सुनाई दिए लेकिन बहुजन मुक्ति पार्टी यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगी कि कोई भारतीय धरोहर को हानि पहुंचाए।

उत्तर प्रदेश पश्चिमांचल महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आरडी गादरे अपनी टीम के साथ ताजमहल पहुंचे और गत दिनों कुछ ब्राह्मणवादी व्यवस्था विचारधारा के आतंकवादी संगठन के लोगों ने उत्पात मचाया था तो बहुजन मुक्ति पार्टी उनको बता देना चाहती है कि यह भारत की आत्मा ऐतिहासिक धरोहर इमारत पर आंखें ना गड़ाए वरना आंखों सहित विदेश भेज दिया जाएगा। यह भारत की धरोहर है और भारतीय धरोहर पर कुछ विदेशी लोगों द्वारा आए दिन कुछ ना कुछ मूल निवासियों के साथ घटनाएं घटित करते हुए और आतंक मचाए जाते हुए दिखाई देते हैं बहुजन समाज के लोग 85 परसेंट हैं और कभी यह बर्दाश्त नहीं करेंगे आज भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार निजी करण पर आमादा है लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या उनके पुरखों ने आजादी के वक्त अपनी कोई अंगुली भी शहीद कराई थी सोच समझें और भारत पर आए दिन बेचने की प्रक्रिया को लगाम लगाएं।

*सभी देशवासियों के लिए चौंकाने वाली खबरें आरटीआई से खुलासा*

 जवाहरलाल नेहरू ने कंपनियां लगवाई 33 बेची 0 शासन काल 16 साल 286 दिन  लाल बहादुर शास्त्री 5 कंपनियां लगवाई बेची 0 शासन काल 1 साल 216 दिन श्रीमती इंदिरा गांधी 66 कंपनियां लगवाई बेची 0 शासन काल 15 साल 350 दिन श्री राजीव गांधी 16 कंपनियां लगवाई बेची 0 शासन काल 5 साल 32 दिन विश्वनाथ प्रताप सिंह दो कंपनियां लगवाई बेची 0 शासनकाल 343 दिन मोरारजी देसाई 9 कंपनियां लगवाई बेची 0 शासन काल 2 साल 116 दिन पी वी नरसिंह राव 14 कंपनियां लगवाई बेची 0 शासन काल 4 साल 330 दिन एच डी देवगौड़ा व इंद्र कुमार गुजराल तीन कंपनियां लगवाई बेची 0 दोनों का शासनकाल 1 साल 290 दिन अटल बिहारी वाजपेई 17 कंपनियां लगवाई बेची 7 शासन काल 6 साल 80 दिन डॉ मनमोहन सिंह 23 कंपनियां लगवाई बेची 3 शासन काल 10 साल 2 दिन *श्री नरेंद्र मोदी नहीं लगवाई कोई कंपनी बेची 23* शासन काल 6 साल 2 दिन मोदी शासन में कानूनी प्रक्रिया 9 से ज्यादा पशु पालने पर लेनी होगी राज्य प्रदूषण बोर्ड से मंजूरी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल मई से सभी राज्य को आदेश दिया था घर में 2 से ज्यादा पशु रखने पर बिजली का कमर्शियल कनेक्शन लेना होगा तथा दूध बेचने वाले पशु पालक को भी लेना होगा लाइसेंस फोटो आधार कार्ड ऑनलाइन आवेदन बहुत सी जगह कर दिए हैं इसमें ₹100 से ₹ 7500 हजार लाइसेंस शुल्क टर्न ओवर  के हिसाब से लगेगा क्या किसानों की आय दुगनी करने का फार्मूला इस इस तरह तैयार किए जा रहे हैं नीति सही हो तो किसानों को लाभ दिया जा सकता है मोदी सरकार ने किसानों को लगभग लाभ दिया 11% लेकिन किसानों पर भार बढ़ा लगभग 40% तीन कृषि बिल अन्नदाता के ऊपर लागू किए जो किसान ही नहीं देश की 80% जनता को मुसीबत में डालेगा।शिवराज चौहान शासन मध्यप्रदेश में 90% सरकारी स्कूल बंद करने की तैयारी पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क की खबर 1.3 लाख रिलायंस टावर ओं का सौदा कनाडा की बुक फील्ड खरीदेगी 100% हिस्सेदारी 25000 करोड़ जिओ के टावर बिकेंगे। कचोरी बनाने वाले को फूड लाइसेंस लेने के लिए बीएससी केमिस्ट्री पास युवक को रखना होगा नौकरी पर ऐसे ही अन्य सख्त नियमों से 50 लाख  रोजगार पर संकट आना लाजमी ₹7500 फीस देकर ऑनलाइन आवेदन करना उसके बाद बहुत सारे नियम है तथा किसी को दुकानदार से द्वेष है तो उसके खिलाफ शिकायत कर दुकानदार को परेशानी में डालेगा गलत नीतियां लागू कर सरकारी संस्थाओं का प्राइवेटी करण करना देश जनता की बर्बादी के दरवाजे खोल रहा है इसी तरह चलता रहा तो क्या 1 दिन संसद को भी ठेके पर दे दिया जाएगा।

 नीति आयोग का संकेत है 2023 तक सभी लेनदेन मोबाइल और टेलीफोन पर होंगे जो लगभग 100 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करेंगे जिसमें लोगों के रोजगार व स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ना लाजमी है बीजेपी सरकार ने निजी स्वार्थ तथा उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए 7 साल के शासन में हजारों कानून देश जनता की बर्बादी के लिए बना दिए विपक्षी पार्टियों और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी सरकारी मुलाजिम आम जनता आदि आंदोलन धरना प्रदर्शन कर कानूनों का पुरजोर विरोध किया लेकिन सबको दरकिनार कर लोगों को अंधेरे में रखा लेकिन तीन कृषि  कानून ने मोदी सरकार को बैकफुट पर खड़ा कर दिया झूठ गुमराह नफरत की नीति को अन्नदाता ने मिलकर देश में एकता जागरूकता से केंद्र सरकार की गलत नीति गले की फांस बनकर देश के कोने कोने में तथा विदेशों में चर्चा बनकर 56 इंची सीने को छोटा कर दिया।

 कृषि कानूनों को रद्द  करना एमएसपी पर गारंटी कानून  बनाना शायद बीजेपी को भारी पड़ सकता है की उद्योगपति नाराज ना हो जाएं या जो हजारों कानून जनता पर थोप दिए हैं  जिनका विरोध विपक्षी पार्टियों तथा  जनता ने किया है उनके खिलाफ आंदोलन खड़ा हो सकता है  गलत नीतियां उजागर हो सकती हैं मोदी सरकार को डर सता रहा है। कृषि बिल का विरोध कहां तक जाएगा इसका असर देश की जनता या केंद्र  सरकार पर क्या होगा एकता जागरूकता जीतेगी या अंग्रेजी शासन की याद दिलाएगी या इंसाफ हक एकता जागरूकता कौन से मोड़ पर खड़ा है देखना समझना बाकी है।डीजल पेट्रोल रसोई गैस एलपीजी गैस बिजली बिल पैसेंजर व माल किराया आदि बढ़ते महंगाई की तरफ जिसमें बेरोजगारी भ्रष्टाचार अत्याचार महंगाई की मार हत्याएं बलात्कार मंदी की मार आदि अपने चरम पर

नोटबंदी जीएसटी लॉक डाउन किसको मिला लाभ और किस का हुआ नुकसान ईवीएम गोदी मीडिया अंधभक्त इन सभी के खेल में पास फेल का लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है इन शब्दों में कितनी सच्चाई है समझना सभी को है। जय जवान जय किसान देश की अखंडता एकता महान पूर्वजों ने दिया तिरंगा भारत की शान हम सबका भारत देश महान।

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