पत्रकारों के एक समूह के द्वारा स्टिंग ऑपरेशन कर पकड़वाई गई एक और केमिकल मिली हुई चाय पत्ती का जखीरा*

 *पत्रकारों के एक समूह के द्वारा स्टिंग ऑपरेशन कर पकड़वाई गई एक और केमिकल मिली हुई चाय पत्ती का जखीरा* 


बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए यूपी प्रभारी मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट।


गोंडा। जनपद में चाय की कालाबाजारी करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं की एक विशेष प्रकार की कंपनी जो डुप्लीकेट या केमिकल मिली हुई चाय पत्ती बनाकर पूरे जनपद में धड़ल्ले से बेच रही थी और जनपद के अनेक दुकानदार छोटे से बड़े तक इस चाय पत्ती को धड़ल्ले से बेच रहे थे इसकी खबर मीडिया में कई चैनलों पर चलने के बाद भी डुप्लीकेसी बंद नहीं हुई। ताजा मामला आसाम गोल्डलाइन सुपर के नाम से बाजार में बिक रही चाय पत्ती का है यह चाय पत्ती पर वैसे तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का पता अंकित है और कहानी यहां भी कमोबेश ऐसी है कि इस चाय पत्ती के पैकेट पर भी इसको बनाने की तिथि इसकी एक्सपायरी डेट, बैच नंबर, फूड लाइसेंस नंबर इत्यादि कुछ भी मौजूद नहीं है और यह भी धड़ल्ले से बेची जा रही है इस चाय पत्ती के पैकेट पर पता तो लखनऊ का अंकित है लेकिन आज जब स्टिंग ऑपरेशन कर इसका खुलासा किया गया तो यह पता चला कि यह चाय पत्ती नेपाल के रास्ते नानपारा से होते हुए बलरामपुर श्रावस्ती बहराइच और गोंडा में बेची जा रही है। पकड़े गए अभियुक्त तफ्फजुर हुसैन ने बताया कि इसका रॉ मैटेरियल कानपुर से आता है इस चाय पत्ती में खतरनाक केमिकल जो ठंडे पानी में लाल रंग छोड़ देता है वह मिला हुआ है और वह खुद इसमें मिलाता भी है। बताते चलें कि यह भी गार्डन फ्रेश चाय पत्ती की तरह ही धड़ल्ले से बेची जा रही है पत्रकारों के एक समूह के द्वारा इस चाय पत्ती को बेचने वाले को ट्रैक किया गया ट्रैक करके शहर के एक चौराहे पर बुलवाया गया। बुलवाने के बाद नजदीकी पुलिस चौकी के चौकी प्रभारी और सिपाहियों के द्वारा जब इनको पकड़ा गया तो उन्होंने पहले तो पत्रकारों और पुलिस वालों को खरीदने की कोशिश की जब इसमें कामयाब नहीं हुए तो यह कहने लगे कि आज के बाद मैं यहां पर यह चाय पत्ती बेचने नहीं आऊंगा। बताया यह भी जा रहा है कि चाय पत्ती नानपारा के रास्ते आती है और चाय पत्ती जिस बैग में आती है उस पर गार्डन फ्रेश लिखा हुआ है और नेपाल का पता अंकित है अब सवाल यह है कि अगर कानपुर से आ रही चाय नानपारा तक पहुंचती है तो बीच में किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता? दूसरा बड़ा सवाल यह है कि नानपारा से मंडल के कई जनपदों में छोटे होटल में छोटे-छोटे दुकानों में यह चाय बेची जा रही है लेकिन अधिकारियों का ध्यान इस तरफ नहीं गया क्यों?आज पकड़वाने के बाद जब जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी को सूचना दी गई तो उन्होंने मौके पर फूड इंस्पेक्टर जयप्रकाश को भेजा जिनके द्वारा प्राप्त चाय पत्ती के बैग और बैकेटों को सीज किया गया है जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेश मोहन ने पत्रकारों को और जानकारी देते हुए बताया कि सीज करने के बाद चाय की सैंपलिंग और मुकदमे की कार्यवाही की जा रही है।

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