सरकार बिना शर्त किसानों की सभी मांगें माने - पीपुल्स अलायंस



सिद्धार्थनगर, 02 दिसंबर 2020 : पीपुल्स एलाइंस के लोगों ने किसान आंदोलन को समर्थन किया। नये कृषि कानून को वापस लिए जाने और एमएसपी पर गारंटी कानून बनाए जाने को लेकर माननीय महामहिम राष्ट्रपति के नाम उपजिलाधिकारी, डुमरियागंज के पेशकार के जरिए ज्ञापन सौंपा। 


भारत कृषि प्रधान देश है, किसान देश का अन्यदाता है। किसान आंदोलन का आज 7वां दिन है। दिल्ली में पूरे देश के किसान बड़ी संख्या में एकत्रित होकर नये कृषि कानून के खिलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को आंदोलन करना लोकतांत्रिक अधिकार है, उसके बावजूद सरकार ने किसानों पर ठंड में वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाई। जिसका पीपुल्स एलाइंस कड़े शब्दों में निंदा करता है और किसानों के आंदोलन का समर्थन करता है।


पीपुल्स एलाइंस के शाहरुख अहमद ने कहा कि किसान आंदोलन पर हुए लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागे जाने का पीपुल्स एलाइंस कड़ी निंदा करती है और पीपुल्स किसान आंदोलन का समर्थन करता है।

उन्होंने कहा कि नये तीन कृषि कानून किसानों के पक्ष में नहीं है। इससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। जमाखोरी बढ़ेगी। बड़ी निजी कंपनियों को फायदा होगा। किसानों का आने वाले भविष्य मुश्किल भरा होगा। इसलिए इन तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।


न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक दर्जा देते हुए देश के किसानों की सभी फसलों का वैधानिक उचित और लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य डॉ स्वामीनाथन द्वारा सुझाए गए ब2 फार्मूले के अनुसार, कृषि विश्वविद्यालय की वास्तविक लागत के आधार पर तय किया जाए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मंडी में गुणवत्ता मापदंड के उत्पादन का भाव किसी भी कीमत पर समर्थन मूल्य से कम न हो. ऐसा न होने पर दंड का प्रावधान किया जाए. सभी फसलों की शत-प्रतिशत सरकारी खरीद की गारंटी दी जाए.


वंही पीपुल्स एलाइंस के सिद्धार्थनगर के जिला संयोजक अज़ीमुश्शान फ़ारूक़ी ने कहा कि सिद्धार्थनगर में क्रय केंद्र नाम मात्र के लिए है। क्रयकेन्द्रों पर किसान अपना उपज बेच नहीं पा रहा है। क्रय केंद्रों पर बिचौलियों का कब्जा है जो किसानों से औने पौने दाम में 900 रुपये से लेकर 1200 रुपये तक धान का उपज लेकर क्रयकेन्द्रों पर सरकारी रेट 1888 रुपये में बेच रहा है। ऐसे में किसानों के खेती के लागत भी नहीं निकल पा रहा है। प्रसाशन को क्रयकेन्द्रों को सुचारू रूप से चलाए जाने और वंहा पर किसानों का उपज लिया जाए। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे फसल न बिकने को लेकर कानून बनाए। जिससे बिचौलियों, दलालों और घूसखोरों पर अंकुश लगाया जा सके। वंही सरकार ने तीन काला कानून जो किसानो के लिए बनाया है वो किसानों के लिए बहुत भयावह है। सरकार को तीनो काला कानून किसानों के हित में वापस लेना चाहिए।


वंही मुमताज मलिक ने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों को तत्काल बिना शर्त मान लेना चाहिए। 


ज्ञापन देने में मौजूद मोहम्मद फ़ारूक़, अहमद चौधरी, एहतेशाम, नायाब अहमद, जावेद खान, इक़बाल, यासिर,  मलिक अलीम, अहमद खान आदि लोगों ने किसान विरोधी कानून का प्रमुखता से विरोध दर्ज किया और किसानो के मांगों बिना शर्त मानने के लिए ज्ञापन दिया।


द्वारा जारी- 

पीपुल्स एलाइंस

9455944411

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