नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन

नागरिक संशोधन कानून का समर्थन


आज इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारतीं, दिल्ली पंजी सम्बद्ध अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में कार्यक्रम का आयोजन कनाट प्लेस में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री मुन्ना लाल जैन जी ने की। और संचालन श्री जय सिंह आर्य जी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री राजेश चेतन जी रहे। उन्होंने बताया कैसे 1947 में भारत और पाकिस्तान दो टुकड़ों में भारत मे बंटे। कुछ वहां रुक गए कुछ को रोक लिया गया कि हमारे देश मे सफाई वगैरह कौन करेगा या कूड़ा कौन उठाएगा। 1971 में पाकिस्तान के 2 टुकड़े और हुये पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान । एक पाकिस्तान रह गया दूसरा बंग्लादेश बन गया। समय समय पर शरणार्थी आते रहे और उन्हें नागरिकता मिलती रही। 2003 में श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी भी ये बिल लाये थे कि एक वर्ष में जो भी इन देशों से प्रताड़ित अल्पसंख्यक हमारे देश मे शरणार्थी आये है वो नागरिकता ले ले।
इसके बाद कांग्रेस सरकार आई 2004 में तो उन्होंने देखा कि एक वर्ष में सभी नागरिकता नही ले पाए है तो उन्होंने 2004 में एक वर्ष और बढ़ाया। फिर भी नागरिकता पूरी नही हुई तो फिर एक वर्ष और बढ़ाया 2005 किया।



श्री प्रवीण आर्य जी ने कहा कि ऐसा पहली बार नही है कि पाकिस्तान बंग्लादेश से आये 3 देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जा रही है। यही बिल अब मोदी जी 2019 मे लाये है। इस बिल में किसी की नागरिकता छीनी नही जा रही है जैसा विपक्ष भ्रम फैला रहा है इसमे नागरिकता दी जा रही है।


श्रीमती पूनम माटिया जी ने कहा कि वो अभी एक पाकिस्तान से आई महिला से मिली थी जिसने अपनी बालिका का नाम नागरिकता रखा है। उस महिला ने बताया कि कैसे पाकिस्तान में उनसे बहुत ही दुर्व्यवहार किया जाता था।


श्री मनोज शर्मा जी ने कहा कि इस बिल द्वारा हमारे हजारों बन्धु जो कैम्पो में असहाय से रह रहे है उनको कोई सुविधा नही मिल पाती है। अब वो भी जो 2014 से पहले हमारे देश मे आये है उनको मोदी जी ने बहुत ही अकल्पनीय तोहफा दिया है।


श्री जय सिंह जी ने बताया कि हजारों सिख जो अफगानिस्तान से आये है।1992 से पहले उनके गुरुद्वारे मन्दिर और व्यापार अच्छी स्थिति में थे पर फिर तालिबानियों ने जो कहर बरसाया उनसे जजिया तक वसूला और ये पाकिस्तान के रास्ते भारत मे आये और 30 वर्षो से रह रहे है फिर भी नागरिकता नही मिल रही है। पर अब इस कानून के बन जाने से इनके बच्चो का भविष्य बन जायेगा।


कार्यक्रम में विशेष रूप से श्रीमती नीलम राठी जी, श्री बृजेश गर्ग, श्री जगदीश जी, श्री शांति स्याल जी, श्री अशोक नौरियाल, श्री दुर्गेश अवस्थी जी, श्रीमती सुनीता बुग्गा जी,श्री राकेश मिश्रा जी, ने भी भाग लिया। व समर्थन व्यक्त किया।


श्री मुन्ना लाल जैन जी ने एक कविता भी सुनाई और सभी का धन्यवाद किया।


मनोज शर्मा "मन"


महामंत्री , इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती , दिल्ली 


101 , प्रताप खंड, विश्व कर्मा नगर , दिल्ली 110095


MOB. N. 9871599113



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