सरकार का जाति जनगणना का फैसला भारत के जनमत का सम्मान है, पसमांदा समाज के साथ होगा इंसाफ, मुस्तकीम मंसूरी


बरेली, अखिल भारतीय मंसूरी समाज के प्रदेश अध्यक्ष मुस्तकीम अहमद मंसूरी ने केंद्र की एनडीए सरकार के जातीये जनगणना कराने के ऐतिहासिक निर्णय को पसमांदा समाज के साथ इंसाफ बताते हुए कहा कि जाति जनगणना का फैसला भारत के जनमत का सम्मान है। उन्होंने कहा कि अब जबकि केंद्र की एनडीए सरकार ने जाति जनगणना कराने का साहसिक फैसला ले लिया है तो पसमांदा मुस्लिम समाज हृदय से स्वागत करेगा। मुस्तकीम मंसूरी ने कहा की जातीय जनगणना से जहां पसमांदा मुस्लिम समाज सत्ता में भागीदारी बनेगी वही मान्यवर काशीराम के नारे जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी अब राजनीतिक दलों की मजबूरी बन जाएगी, कि वह पसमांदा मुस्लिम समाज को उसकी आबादी के अनुपात अनुसार चुनाव के समय टिकटो के बंटवारे में पूरी पारदर्शिता के साथ पसमांदा मुस्लिम समाज की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के ऐतिहासिक निर्णय से वंचित शोषित पसमांदा समाज के साथ वास्तविक न्याय की उम्मीद जगा दी है। मुस्तकीम मंसूरी ने कहा कि जातीय जनगणना से पसमांदा समाज में जहां राजनीतिक जागरूकता पैदा होगी, वही सत्ता की भूख पसमांदा समाज को संगठित करेगी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से पसमांदा समाज के लिए सत्ता के द्वार खुलेंगे क्योंकि सत्ता की कुंजी पसमांदा समाज के हाथ में होगी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से परिस्थितियां बदलेंगी परंपराएं बदलेंगी प्रदेश में प्रगति उन्नति नीति निर्माण में जाति जनगणना मील का पत्थर साबित होगी।

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