जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में नरसंहार के बाद भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी सुरक्षा**
*शाहिद खान संवाददाता पीलीभीत*
पीलीभीत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए दुखद नरसंहार के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था अत्यधिक कड़ी कर दी गई है। इस हृदयविदारक घटना के मद्देनजर, सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त तत्वों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गहन निगरानी और संयुक्त गश्त को प्राथमिकता दी गई है,ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
सीमा पर चौकसी बढ़ाने के उद्देश्य से **सहायक कमांडेंट चरनदीप सिंह बल**,सहायक कमांडेंट हरविंदर सिंह (49वीं बटालियन, सशस्त्र सीमा बल, पीलीभीत), थाना अध्यक्ष अशोक पाल (थाना माधोटांडा), थाना अध्यक्ष नरेश त्यागी (कोतवाली पूरनपुर) और उपनिरीक्षक राम किशोर वर्मा (चौकी प्रभारी रामनगर) ने संयुक्त गश्त की। इस गश्त के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया गया और संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष नजर रखी गई।
अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और गश्त का विस्तार पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है, जिसके चलते सीमा सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गए हैं। भारत-नेपाल सीमा, जिसे अपेक्षाकृत शांत क्षेत्र माना जाता है, पर अब विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि कोई भी असामाजिक तत्व इस त्रासदी का फायदा उठाकर सीमा पार से घुसपैठ या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम न दे सके।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है, और सीमावर्ती चौकियों को उच्च स्तर की सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को दें। सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच समन्वय
इस कठिन समय में, सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग बेहद आवश्यक है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में चल रही सुरक्षा गतिविधियों का उद्देश्य न केवल सीमा पर शांति और व्यवस्था बनाए रखना है, बल्कि उन तत्वों को भी कड़ा संदेश देना है जो देश की सुरक्षा और अखंडता को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सीमा पर किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन
पहलगाम की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को अपनी मौजूदा रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन करने और सीमा सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए प्रेरित किया है। भारत-नेपाल सीमा पर उठाए गए ये सख्त कदम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं, जिसका उद्देश्य देश की सीमाओं को सुरक्षित रखना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
संयुक्त गश्त में शामिल अधिकारियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने अपने अधीनस्थों को पूरी मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
9599574952