नगर पालिका परिषद पीलीभीत,की छवि खराब करने, दुष्प्रचार और अनर्गल आरोप लगाए जाने के सम्बंध में सभी वार्ड के सदस्यों ने जिला अधिकारी को पत्र दिया*

 *शाहिद खान संवाददाता पीलीभीत* 

वार्ड के सदस्यों ने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2023 में जब से पालिका में नए बोर्ड का गठन हुआ है, तब से शहर में काफी बदलाव आया है। पहले की अपेक्षा कई विकास कार्य हुए,सफाई व्यवस्था पहले से अच्छी हुई और पथ प्रकाश व्यवस्था में भी सुधार आया है। शहर के निवासी पालिका के कार्यों की प्रशंसा भी कर रहे हैं। किंतु लगातार नगर पालिका परिषद पीलीभीत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। पालिका के खिलाफ दुष्प्रचार और अनर्गल आरोप भी लगाया जा रहे हैं। जिस संबंध में आपको अवगत कराना है कि


माननीय शहर विधायक/राज्य मंत्री के नगर पालिका में प्रतिनिधि राकेश सिंह ने पिछले दिनों आपके समक्ष सात बिंदु का पत्र प्रस्तुत किया है।उस संबंध में कमवार हम सभी सभासदों का कहना है कि बोर्ड की बैठक में जो भी प्रस्ताव रखे या पारित किए जाते हैं वे नगर के विकास और उत्थान को दृष्टिगत रखते हुए किए जाते हैं। उनके द्वारा लगाए गए आरोप पूर्ण रूप से निराधार हैं। जिनके बारे में निम्नलिखित बिंदुवार अवगत कराया जा रहा है।

1:- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार शहर में ड्रेन ट्रीटमेंट बायोरेमेडीएशन/फाइटो रेमिडेशन कराया जाना आवश्यक है। स्वच्छ भारत मिशन की अंतर्गत भी यह कार्य किया जाना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं कराया जाता है तो एनजीटी द्वारा निरीक्षण कराए जाने पर पालिका के ऊपर भारी आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। इसी वजह से ड्रेन ट्रीटमेंट बायोरेमेडीएशन/फाइटो रेमिडेशन का प्रस्ताव रखा गया है। जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश जल निगम के विभिन्न अभियंताओं द्वारा इसका सर्वे कराए जाने के बाद इसकी डीपीआर 15 में वित्त के प्रस्ताव के साथ संलग्न की गई है।

2:- पिछले 15 वर्षों में शहर में पथ प्रकाश की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। वर्ष 2023 में नए बोर्ड के गठन के बाद से शहर में काफी लाइट लगाई गई। अब लगभग प्रत्येक गली में रोशनी रहती है। हाई मास्ट लाइट भी लगाई गई है। आंधी पानी / बंदरों के उत्पात और खराब हो जाने की वजह से नई लाइटों की आवश्यकता पड़ती रहती है। सभी सभासद अपने वार्ड में पथ प्रकाश की जानकारी पालिका के अध्यक्ष को देते हैं, जिसके बाद पालिका के पथ प्रकाश विभाग द्वारा पथ प्रकाश व्यवस्था को व्यवस्थित किया जाता है।

3: 15 वें वित्त आयोग के शासनादेश में वर्णित कार्यों के अनुसार ही प्रस्ताव बोर्ड में रखे जाते हैं।

अमृत योजना 2.0 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश शासन द्वारा घर-घर जल उपलब्ध कराए जाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य नगर पीलीभीत में अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है। ग्रीष्म ऋतु निकट है। शहर वासियों की मांग पर सभासद अपने क्षेत्र में नगर वासियों और राहगीरों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हैंड पंप लगाने की मांग कर रहे हैं।


4:- अमृत योजना 2.0 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश शासन द्वारा घर-घर जल उपलब्ध कराए जाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य नगर पीलीभीत में अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है। ग्रीष्म ऋतु निकट है। शहर वासियों की मांग पर सभासद अपने क्षेत्र में नगर वासियों और राहगीरों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हैंड पंप लगाने की मांग कर रहे हैं।


5:- हम सभासदों की जानकारी के अनुसार श्री पलक अग्रवाल को नेहरू पार्क के सौंदर्य करण का ठेका दिया गया है। पालिका के अभियंता की देखरेख में सौंदर्य करण का कार्य भानक अनुरूप किया जा रहा है। इस संबंध में लगाई जा रहे आरोप निराधार हैं।


6:- पालिका में पहले की अपेक्षा सफाई संबंधी कई वाहन बढ़ गए हैं। रात दिन नाले नालियों आदि में फंसे हुए गोवंश निकालने और छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए कैटल कैचर, जेसीबी आदि प्रयोग में लाई जा रही है। सफाई हेतु वाहन भी अधिक प्रयोग में ले जा रहे हैं। जिससे स्पष्ट है कि पहले की अपेक्षा डीजल अधिक खर्च हो रहा होगा।


7.- पालिका में काम करने वाले कर्मचारियों ने पीएफ संबंधी कोई शिकायत सभासदों से नहीं की है।


वार्ड के सदस्यों ने जिला अधिकारी से निवेदन किया है की लगातार नगर पालिका परिषद पीलीभीत की छवि को धूमिल करने के प्रयास और निराधार शिकायतों को अपने संज्ञान में लेने की कृपा करें।

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