*मुल्क में अमन हो, भाईचारा कायम रहे। गंगा, जमनी तहज़ीब चलती रहे। ये कहना है इस्लामिक स्कालर व शिक्षाविद डा० बिलाल हसन चिश्ती का*
*शाहिद खान संवाददाता पीलीभीत*
अबकी बार होली शुक्रवार को आ रही है। शासन प्रशासन तथा जनता चाहती है कि होली का पर्व भी खुशी के साथ मनाऐ और शुक्रवार की नमाज़ भी मस्जिदों मे शान्ति से अदा हो जाये। कुछ मोहल्लो मे मिली जुली आबादी है, पूर्व नियोजित जुमा का समय यदि 12:40 या 12:45 से है, अगर समय को 15 मिनट या 30 मिनट आगे बढ़ा दिया जाता है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मोहब्बत और आपसी भाईचारे के लिए 30 मिनट या 60 मिनट की कोई बेल्यू नहीं है। राष्ट्र और आपसी सौहार्द सर्वोपरि है। त्योहार तो कौमी एकता के प्रतीक होते है।
हिन्दूस्तान सूफी परम्परा के रंग मे घूला मिला है, जहाँ हज़रत अमीर खुसरो ने होली के पर्व पर गीत लिखा-गुलनार की फूलों की बारात निकली,
होली के रंगो में दिल की बारात निकली,, मीर तकी मीर सूफी कवि थे उन्होनें लिखा-होली के रंगो में दिल की धुन बजती है।
प्रेम की राह मे दिल की दुआ बजती है। कबीर दास सूफी संत व कवि ने लिखा-होली के रंगो में दिल की खुशी होती है, प्रेम की राह में दिल की शान्ति होती है,,।
डा० बिलाल ने बताया कि हमारी दरगाह से जो मस्जिद के इमाम जुड़े हुये है, उनसे कह दिया गया है कि दिनांक 14 मार्च, दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज़ का समय बदल ले।
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