*जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बाल विवाह प्रकरण में थाना न्यूरिया मे 33 लोगो पे दर्ज कराई एफआईआर।*

L*शाहिद खान संवाददाता पीलीभीत*


पीलीभीत:-थाना न्यूरिया में बाल विवाह प्रकरण में जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश पर बाल विवाह प्रकरण में मुकदमा पंजीकृत किया गया। आपको अवगत करा दे, कि आइजीआरएस के माध्यम से जिला अधिकारी को जनपद बरेली निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी, कि थाना न्यूरिया क्षेत्र के निवासी एक व्यक्ति ने अपने पुत्र का बाल विवाह एक नाबालिक लड़की के साथ कर दिया था।

 https://drive.google.com/file/d/1NJGTkQuuZ4rCbKTfTabOiZjuD2CJ1-1G/view?usp=drive_link

सूचना प्राप्ति उपरांत जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता ने प्रकरण में जांच हेतु संरक्षण अधिकारी एवं चाइल्ड हेल्पलाइन परियोजना समन्वयक को निर्देशित किया। तीन मार्च को चाइल्ड हेल्पलाइन परियोजना संबंधित निर्वान सिंह एवं संरक्षण अधिकारी मीनाक्षी पाठक, थाना मानव तस्करी रोधी इकाई की उपनिरीक्षक रामाकांति एवं थाना न्यूरिया की उपनिरीक्षक पारुल ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो बालिका के परिजनों ने बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह माह नवंबर 2024 में कर दिया था। जांच के दौरान पाया गया, कि बालिका शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर लगभग 14 वर्ष की हो रही है, बालिका के नाबालिक होने की दशा में नियमानुसार बालिका को अग्रिम कार्रवाई हेतु, बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति के निर्देश पर बालिका वर्तमान में अपने माता-पिता के साथ रह रही है तथा 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात ही अपनी ससुराल जाएगी। उपरोक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए, जिला प्रोबेशन अधिकारी ने उक्त प्रकरण में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का उल्लंघन पाया तथा थानाध्यक्ष न्यूरिया को बाल विवाह प्रकरण में समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत निर्देश दिए। थाना न्यूरिया पुलिस द्वारा जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश पर बाल विवाह में सम्मिलित 33 लोगों पर बाल विवाह अधिनियम की धारा 9 एवं 10 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया, पंजीकृत मुकदमे में बाल विवाह को संपन्न कराने वाले दोनों पक्षों के ब्राह्मणों के नामों को सम्मिलित किया गया, गौरवतल हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह में सम्मिलित होने वाले सभी व्यक्ति चाहे वह हलवाई हो, टेंट वाला हो, विवाह संपन्न करने करने वाले, पंडित अथवा काज़ी, बैंड वाले हो, फोटोग्राफर या दावत के आने वाले बराती एवं घराती सभी को दोषी माना गया है और सभी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने का भी प्रावधान है। एफआईआर पंजीकृत होते ही जनपद में हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ हैं।

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