65 वर्षीय बुजुर्ग रिक्शा चालक अपने परिवार के पेट की खातिर अपनी व सवारियों की जान को जोखिम में डालकर चला रहा है ई०रिक्शा।
नगीना -बढ़ती इस मंहगाई व रोजगार के ना होने व परिवार का पेट भरने के लिए। नगर के मौहल्ला शाहजहीर घास की मंडी निवासी रफीक अहमद 65 वर्षीय पुत्र नियाज़ अहमद एक बहुत पुराना रिक्शा चालक है। बताया जाता है उसके परिवार में 5 पुत्रियां व 1 पुत्र समेत आधा दर्जन बच्चे हैं। बुजुर्ग रफीक ने अपनी पैरो वाली रिक्शा के सहारे ही मेहनत मजदूरी करके अपनी तीन पुत्रियों व एक पुत्र की शादी कर दी थी। पैरो की रिक्शाए बंद हो जाने व शरीर कमजोर पड़ने आंखों की रोशनी भी कम हो जाने व शादी शुदा पुत्र द्वारा बाप के बढ़ापे की ओर कोई ध्यान ना दे पाने व घर में दो जवान बेटी शादी से रहने को देखते हुए । व परिवार व अपने पेट को भरने के लिए। आज भी बुजुर्ग रफीक अहमद हिम्मत नहीं हारे।
और उन्होंने अपनी तरह एक टूटी फूटी हालत की ई०रिक्शा को खरीद कर अपनी व सवारियों की जानों को जोखिम में डालकर नगर के स्टेशन रोड जहां पर 24 घंटे तेज़ रफ़्तार वाहनों की आवाजाही व नगर के भीड़भाड़ वाले बाजार में ई०रिक्शा को चला कर अपने बच्चों का पेट भर रहे हैं। जब आज सुबह नगर के समाज सेवी वरिष्ठ पत्रकार ए एच सिद्दीकी की खड़ी बाईक से बुर्जुग की ई० रिक्शा टकराई तो कमजोर बुजुर्ग की हालत देखकर जब उनसे पूछा की तुम्हारी आंखें भी कमजोर है ।ई०रिक्शा भी टूटी फूटी है। हाथ पांव भी ई रिक्शा चलाते हुए कांप रहे हैं। तो बुजुर्ग ने अपनी आप बीती हुई सुनाते हुए कहा कि मै सड़क पर भीख मांग कर अपने परिवार को नहीं बल्कि मेहनत मजदूरी करके पालना चाहता हूं। जब बुजुर्ग ई० रिक्शा चालक से पूछा पेन्शन के लिए कभी आवेदन किया है उन्होंने बताया की मेरे पास आंनलाईन आवेदन कराने के लिए पैसे ना होने के कारण में नहीं कर पा रहा हुं। श्री सिद्दीकी ने इस सम्बन्ध में नगीना ई०रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष व पदाधिकारियों की ओर बुजुर्ग ई०रिक्शा चालक की टूटी हालत व आंखों से कम दिखने के बाद भी ई०रिक्शा के चलाने को संज्ञान में लेते हुए। बुजुर्ग को ई०रिक्शा चलाने पर रोक लगाते हुए। ई०रिक्शा यूनियन के फंड से बुजुर्ग के परिवार की मदद करने व नगर के समाज सेवी संगठनों व धनवान लोगों से बुजुर्ग ई०रिक्शा की टूटी हालत को देखते हुए। गोपनीय तरीके से परिवार की मदद करने की अपील की है।
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