आंवला से बसपा प्रत्याशी आबिद अली का पर्चा खारिज कराने की नीरज मौर्य द्वारा रची गई साजिशों के रणनीतिकार अखिलेश यादव तो नहीं?

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट,

बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा अगर रिटर्निंग ऑफिसर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बात करके स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती तो विरोधी पर्चा खारिज कराने में हो जाते कामयाब।

बरेली की 24 आंवला लोकसभा क्षेत्र के बसपा प्रत्याशी सैय्यद आबिद अली और सतवीर सिंह के बीच दिन भर चले कौन असली कौन नकली बसपा प्रत्याशी का खेल उस वक्त बेनकाब हो गया, जब बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर सीडीओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सैय्यद आबिद अली को ही आंवला


लोकसभा सीट से बसपा का अधिकृत प्रत्याशी बताया, और फर्जी फॉर्म ए और बी दाखिल करने वाले जलालाबाद निवासी सतवीर सिंह का पर्चा निरस्त कर उसके खिलाफ रिटर्निंग ऑफिसर से मुकदमा कायम कराने की बात कही, बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा अगर रिटर्निंग ऑफिसर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बात करके स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती तो विरोधी अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते और आबिद अली को साजिशन चुनाव से बाहर होना पड़ता, अब सवाल यहां यह उठता है की गठबंधन प्रत्याशी नीरज मोर्य द्वारा आबिद अली के खिलाफ रचा गया षड्यंत्र क्या अकेले नीरज मौर्य ने रचा था या फिर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इस षड्यंत्र के रणनीतिकार थे, राजनीतिक जानकारों का मानना है की आंवला लोकसभा क्षेत्र से इस बार बसपा सुप्रीमो ने सैय्यद आबिद अली को प्रत्याशी बनाकर दलित मुस्लिम और सर्व समाज के वोटो की जो रचना की थी उससे भाजपा ही नहीं गठबंधन के प्रत्याशी को भी अपनी हार नज़र आने लगी थी, यही कारण है कि आंवला से सपा प्रत्याशी नीरज मोर्य द्वारा योजनाबद्ध तरीके से एक रणनीति के तहत सतवीर सिंह को नामांकन के आखिरी दिन फर्जी कागजों के द्वारा बसपा प्रत्याशी बनाकर नामांकन करना और एक ही क्षेत्र से दो प्रत्याशी एक ही पार्टी एक ही सिंबल पर होने का आधार बनाकर आबिद अली को चुनाव मैदान से हटाकर गठबंधन प्रत्याशी नीरज मौर्य भाजपा प्रत्याशी से मुकाबले में आना चाहते थे, परंतु बसपा जिला अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, बसपा मंडल कोऑर्डिनेटर ब्रह्म स्वरूप सागर, बसपा नेता तौफीक प्रधान सहित बसपा के समस्त पदाधिकारीयों द्वारा सतवीर सिंह के नामांकन के बाद से ही बसपा वाला कमान को पल-पल की जानकारी दी जा रही थी, और उस पर संज्ञान लेते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा समय रहते रिटर्निंग ऑफिसर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बात करके लाखों दलितों और मुसलमानो की उम्मीदों को कायम रखते हुए आबिद अली को ही बसपा का अधिकृत प्रत्याशी बताकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के इशारे पर रची गई नीरज मौर्य की साजिश के खेल को बेनकाब कर दिया, सतवीर सिंह का पर्चा निरस्त हुआ और उसके खिलाफ मुकदमा कायम कर मौके पर मौजूद एक वकील और नीरज मौर्य के ड्राइवर को दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है, अब आंवला लोकसभा क्षेत्र के दलित मुस्लिम मतदाताओं और सर्व समाज के लोगों की जिम्मेदारी है कि वह आबिद अली के पक्ष में मतदान कर अपने वोट की ताकत से इन षड्यंत्रकारियों को हराकर आबिद अली को लोकसभा भेजने का काम करें।

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