पुलिस की दादागिरी और सीनाजोरी की शिकार महिला पीड़िता को जान का ख़तरा। कोर्ट में तारीख़ पर न जाने के लिए बनाया जा रहा है दबाव। ज़िला जज से लगाई न्याय की गुहार

नई दिल्ली (संवाददाता)दिल्ली पुलिस अपने तीन कार्य, शांति, सेवा, न्याय का भले ही कितना दम भरे। लेकिन उत्तर पूर्वी जिला थाना दयालपुर में कार्यरत एसएचओ ने दिल्ली पुलिस के उपरोक्त मिशन को ताक पर रखते हुए अपनी मनमानी और अत्याचार का नमूना पेश किया।


जिसका कलंक दिल्ली पुलिस के सिर से अभी तक उतरा भी नहीं है कि अब पीड़िता को देख लेने और भुगत लेने और वकीलों से,पत्रकारों से पिटवाने की धमकी दी जा रही है। मामला पिछले साल अगस्त 2021 का है, दो किराएदारों के झगड़े में एसएचओ ने दिव्यांग दंपत्ति हमीदा बेगम पत्नी मुमताज को थाने दयालपुर उठा कर ले गए, रात के समय में एसएचओ ने सविधान कानून को ताक पर रख कर महिला को बुरी तरह पीटा और उस पर कई केस लगाने की धमकी देते हुए एक केस भी दर्ज कर दिया था, पीड़ित महिला ने अपने साथ हुए जुल्म को मीडिया के सामने बयान किया तो मामला खुला, महिला ने अपने साथ हुए ज़ुल्म की लिखित शिकायत दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारियों व अन्य कई विभागों में दी लेकिन इंसाफ न मिलता देख पीड़िता ने कोर्ट से गुहार लगाई जिस की 7 नवंबर को कोर्ट नंबर 66 एमएम उत्तर पूर्वी के यहां सुनवाई होनी है लेकिन इस से पहले ही कई अन्य लोगों के जरिए पुलिस की ओर से पीड़ित महिला को कई तरह की धमकी दी जा रही है। पीड़ित महिला ने कहा है कि कल यानी कि आज कोर्ट में मेरे साथ कुछ भी हो सकता है। महिला ने मिडिया के माध्यम से ज़िला जज व  अन्य पुलिस के आला अधिकारियों से गुहार लगाई है कि मेरे या मेरा साथ देने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ भी कुछ अनिष्ट होता है तो उसके ज़िम्मेदार थाना दयालपुर के तत्कालीन एसएचओ  गिरीश जैन होंगे। पीड़ित महिला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सभी पुलिस कर्मी गलत नहीं होते लेकिन जो गलत हैं उनके ख़िलाफ़ बोलना चाहिए। मुझे कोर्ट और अपने संविधान पर विश्वास है और मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।


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