पीएफआई के नाम पर जौनपुर से गिरफ्तार साजिद और हुजैफा के परिजनों से रिहाई मंच ने की मुलाकात

जौनपुर/लखनऊ 29 सितंबर 2022. रिहाई मंच ने पीएफआई के नाम पर जौनपुर के सहावें से गिरफ्तार मोहम्मद साजिद और उसरौली से गिरफ्तार अबू हुजैफा के परिजनों से मुलाकात की.रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने बताया कि जौनपुर के सहावें से गिरफ्तार मोहम्मद साजिद की अम्मी शहजादी ने बताया कि 27 सितंबर की सुबह 6 बजे दो लोग आए दरवाजा खटखटाए साजिद के अब्बू-भाई घर पर ही थे, दरवाजा खोला तो उन्होंने साजिद को पूछा. साजिद सो रहा था उसे जगाया और वे उसे लेकर चले गए.





पीछे से उसका भाई थाने गया. उन्होंने बताया कि एक साल पहले भी एक बार उसे उठाया गया था. उस वक्त ठंडी का मौसम था. पहले वह मदरसा में पढ़ता था पर फिर उसने मिर्जा अनवर बेग इण्टर कालेज, आज़ाद इमरानगंज शाहगंज, जौनपुर में 9वीं में पढ़ने लगा. उसके ऐडमिशन के दो महीने बाद ये बवाल शुरू हो गया. इसी डर से उसको पढ़ने भी नहीं भेजते थे. पूछताछ के नाम पर जब न तब आ जाते थे. तीन दिन पहले भी आए थे पूछने के लिए. पूछने पर की इससे पहले कब आए थे तो बताया कि जब धान की रोपनी चल रही थी तब भी आए थे. पहले ज्यादा तौर पर सादे ड्रेस में आते थे. पड़ोसी बुजुर्ग अबुल हसन याद करते हुए कहते हैं कि एक साल पहले भी उसे उठाया था पर कुछ मोबाइल का मामला था. उसके एक महीने पहले उसे पूछने आए थे. इस गिरफ्तारी से गांव के छोटे बच्चे जो अमूमन किसी के आने पर इकट्ठा हो जाते हैं उनमें डर साफ देखी जा सकती है. एक बच्चे ने कहा की वो इतना छोटा था तो उसको उठा ले गए क्या पता किसको फसा दें.

साजिद की अम्मी कहती हैं कि मेरा बेटा अभी बहुत छोटा था. अब ऊपर वाले पे ही भरोसा है. घर में ही छोटी सी परचून की दुकान चलाने वाली साजिद की अम्मी बताती हैं कि उनके  पति मोहम्मद अबरार दिहाड़ी मजदूर हैं. 

जौनपुर के उसरौली गांव के 27 वर्षीय अबू हुजैफा की नानी फातिमा से मुलाकात हुई जो गिरफ्तारी के बाद घर आईं. हुजैफा के पिता अकील अहमद घर पर नहीं थे. नानी फातिमा और घर के अंदर से बच्चियों ने बताया कि 26 सितंबर की रात 1 बजे के करीब पुलिस आई, हुजैफा को पूछने लगी. पूरे घर की तलाशी ली. हुजैफा के पिता ने बताया कि वो मिल्लतनगर, शाहगंज रहते हैं तो फिर उनको लेकर पुलिस चली गई. 27 की शाम अकील घर आए. पुलिस वाले पूछ रहे थे कि घर पर कौन आता-जाता था. पूछने पर बताया कि इससे पहले कभी पुलिस नहीं आई. 

हुजैफा के तीन भाई, चार बहनें हैं. हुजैफा की पांच साल पहले शादी हुई थी, एक बेटा और एक बेटी है. दो साल से मदरसे में पढ़ाने लगे इसके पहले लखनऊ के नदवा में पढ़ते थे. 4-5 साल नदवा की पढ़ाई की.


द्वारा-

राजीव यादव

महासचिव, रिहाई मंच

9452800752

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