अखिलेश यादव के राजनीतिक भविष्य को लेकर मुलायम सिंह हुए चिंतित, अखिलेश यादव को साथ लेकर आजम खां को मनाने जाएंगे रामपुर, मुलायम सिंह,

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए लखनऊ से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट, 

आजम खांन जहां इस समय यूपी में मुसलमानों के सबसे बड़े नेता समझे जाते हैं| तो वही शिवपाल यादव की सपा कार्यकर्ताओं पर मजबूत पकड़ किसी से छिपी नहीं है|

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ मुस्लिम नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री विधायक मोहम्मद आजम खांन जेल से बाहर आ चुके हैं| गौरतलब है बुरे वक्त में पार्टी के साथ नहीं निभाने की वजह से नाराज चल रहे सपा के वरिष्ठ नेता संस्थापक सदस्य मोहम्मद आजम खांन को मनाने की कोशिशें तेज कर दी गई है| आपको बताते चलें सपा से बागी शिवपाल सिंह यादव और मोहम्मद आजम खांन के बीच बढ़ती नजदीकियों से अखिलेश यादव की लगातार चिंता बढ़ती जा रही हैं|

ऐसे में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव खुद अखिलेश यादव के भविष्य को लेकर चिंतित हैं| यही कारण है कि मुलायम सिंह यादव पूर्व कैबिनेट मंत्री कद्दावर मुस्लिम नेता मोहम्मद आजम खांन और सपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच नाराजगी की खाई को खत्म करने के लिए खुद एक्टिव हो गए हैं| सूत्रों की माने तो सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव खुद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को साथ लेकर विधायक मोहम्मद आजम खान से मुलाकात कर सकते हैं| मोहम्मद आजम खांन की सपा सुन लूंगा अखिलेश यादव के प्रति बढ़ती हुई नाराजगी को दूर कराने के लिए, नेताजी मुलायम सिंह यादव मोहम्मद आजम खांन को अपने रिश्तो की दुहाई दे कर अखिलेश यादव के प्रति मोहम्मद आजम खांन की नाराजगी को दूर करने के प्रयास मुलायम सिंह  कर सकते हैं|
ऐसे में आजम खांन के साथ नए मोर्चे का प्लान तैयार कर रहे हैं शिवपाल सिंह यादव के सामने चुनौतियां बढ़ सकती हैं| रामपुर सदर विधायक मोहम्मद आजम खांन सीतापुर जेल से 27 माह बाद रामपुर आ चुके हैं| और वह  इस वक्त अपने करीबियों से मुलाकात कर रहे हैं| जेल में रहने के दौरान मोहम्मद आजम खांन और सपा नेताओं के बीच दूरियां किसी से छुपी नहीं है| और अब जेल से छूटने के बाद राजनीतिक समीकरण बिठाने और रूठे मोहम्मद आजम खांन को मनाने की सपा की कोशिशें तेज हो गई है| सूत्रों का कहना है की सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा मुखिया अखिलेश यादव मोहम्मद आजम खांन से मिलने किसी भी दिन रामपुर आ सकते हैं| यह भी माना जा रहा है की इसीलिए अखिलेश यादव की ओर से शनिवार को बहेड़ी विधायक अताउर्रहमान के घर भेजा गया था| यहां यह बताना भी जरूरी है कि शिवपाल सिंह यादव के दांव जय अखिलेश यादव की चिंता जरूर बड़ी है| असल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही अखिलेश यादव को कई मोर्चों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है| प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव लगातार बगावत का झंडा बुलंद कर रहे हैं| गौरतलब है, मोहम्मद आलम खांन के परिवार की ओर से नाराजगी जाहिर करते ही शिवपाल सिंह यादव ने उन्हें अपने पाले में लाकर अखिलेश को बड़ा झटका देने का दांव चल दिया है| यहां यह जानना भी जरूरी है कि शिवपाल सिंह यादव ना सिर्फ जमानत से पहले आजम खांन से जेल में मिलने पहुंचे थे| बल्कि जमानत मिलने के बाद भी वह आजम खांन के स्वागत को सीतापुर जेल पहुंचे थे| ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि मोहम्मद आजम खांन और शिवपाल यादव साथ मिलकर नया मोर्चा भी बना सकते हैं| ऐसी सूरत में एमवाई समीकरण बिगड़ा तो सपा की और हो सकती है दुर्गति, ऐसे में समाजवादी पार्टी की चुनौती इसलिए भी और बढ़ गई है क्योंकि आजम खांन और शिवपाल यादव एमवाई (मुस्लिम- यादव) समीकरणों को साधने वाले बड़े नेता है| आजम खांन इस समय जहां यूपी में मुसलमानों के सबसे बड़े नेता समझे जाते हैं| तो शिवपाल यादव की सपा कार्यकर्ताओं पर मजबूत पकड़ किसी से छिपी नहीं है| वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना यह भी है| कि यदि आजम खांन और शिवपाल यादव एक साथ आकर नया मोर्चा बनाते हैं| तो समाजवादी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं| यही वजह है कि आप खुद मुलायम सिंह यादव को अखिलेश यादव के भविष्य की चिंता सताने लगी है| जिसको लेकर मुलायम सिंह यादव पूर्व मुख्यमंत्री सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को साथ  लेकर नाराज आजम खांन को मनाने के लिए उनके घर रामपुर आ सकते हैं|

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