कुतुब ए बरेली दरगाह शाहदाना वली पर रोजा इफ्तार के मौके पर दिखता है भाईचारा और सौहार्द का माहौल, अब्दुल वाजिद खां

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट

बरेली, यूं तो तमाम दरगाहों और खानकाहों पर आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिलती है, परंतु कुतुबे बरेली दरगाह शाहदाना वली पर रोजा इफ्तार के मौके पर दिखता है भाईचारा और सौहार्द, हज़रत शाहदाना वली वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष वसी अहमद वारसी ने बताया कि रमज़ान के महीने में हर साल की तरह इस साल भी पहले रोज़े से लेकर आखरी रोज़े तक सामुहिक रोज़ा इफ़्तार का आयोजन जारी रहता है।




कोरोना के चलते दो साल से दरगाह पर रोज़ अफ्तार  नही किया गया था आज फिर से वही रौनख़ लौट आई है दरगाह पर जगह जगह से लोग इफ्तार करने के लिए आए यह दरगाह  हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल है। मुतावली अब्दुल वाजिद ख़ाँ बब्बू मियाँ ने बताया कि इफ़्तार के टाइम रोज़ेदारों की रौनक दरगाह परिसर में रहती है। दरगाह मुतावली अब्दुल वाजिद खान बब्बू ने बताया यह पुरानी परंपरा है कि रमजान के महीने में दरगाह पर लगातार रोजा इफ्तार का आयोजन किया जाता है जिसमें दरगाह से अकीदत रखने वाले सभी धर्मों के लोग रोजा इफ्तार में शिरकत करते हैं पिछले 2 साल से लॉक डाउन की वजह से रोजा इफ्तार का कार्यक्रम नहीं हो पाया था लेकिन इस बार रमजान के महीने में शुरू रमजान से लेकर आखिरी रमजान तक रोजा इफ्तार का प्रोग्राम बदस्तूर हो रहा है जिसमें हजारों की संख्या में दरगाह से आस्था रखने वाले लोग रोजा इफ्तार में शिरकत करते हैं इफ्तार के वक्त दरगाह में रोजेदारों की रौनक का मंदिर देखने लायक होता है |

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