आल इंडिया मुस्लिम मजलिस ज़िला अध्यक्ष सय्यद महमूद अली आकिफ़ एडवोकेट के आवास पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह व आर्टिकल341 पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया
आज दिनाँक 1 दिसम्बर 2021 गोण्डा को इमामबाड़ा स्थित आल इंडिया मुस्लिम मजलिस ज़िला अध्यक्ष सय्यद महमूद अली आकिफ़ एडवोकेट के आवास पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह व आर्टिकल341 पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मोहम्मद इसराईल उर्फ बाबू भाई व संचालन कमाल खान एडवोकेट ने किया जिसके मुख्य अतिथि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद जुनैद रहे।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 1 दिसम्बर 1886 को हुआ था,
और वो 29 अप्रैल 1979 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया,
पत्रकार, लेखक,समाज सुधारक महान दानवीर थे, औऱ वे आर्यन पेशवा के नाम से प्रसिद्ध थे।
गुरुकुल कांगड़ी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की बहुत मदद की।
वह भारत का बटवारा नही चाहते थे, अनेकता में एकता भारत की विशेषता के आग्रणी लीडर थे।
26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ औऱ 10 अगस्त 1950 को संविधान आर्टीकल 341 में राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद से आदेश कराकर पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने हिन्दू शब्द लिखवा दिया जिसके वो घोर विरोधी थे।
कांग्रेस को कभी माफ न करने वाला कृत बताया। 1957 को चुनाव लड़े और अटल बिहारी वाजपेयी की ज़मानत जप्त करा दिया। 1957 से ही 1962 तक लोकसभा मेम्बर थे।
ज़िला अध्यक्ष सय्यद महमूद अली ने कहा कि आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले देश बदर कर दिया गया था,
मुजाहिदीन आज़ादी में अफगानिस्तान में रहकर अखण्ड भारत के पहले राष्ट्रपति बने और अखण्ड भारत के पहले प्रधानमंत्री मौलाना बरकत उल्ला भोपाली को बनाया और आज़ादी की लड़ाई को परवान चढ़ाया।
सैफुलइस्लाम सैफ ने कहा कि मुस्लिम मजलिस के कारकुनान की तारीफ़ करते हुए कहा कि मजलिस ने एक तारीख़ी हक़ीक़त से देशवासियों को रोशनास कराने का बड़ा काम किया है जिसे सरकार ने भुला दिया है।
कमाल खान एडवोकेट ने कहा अफ़सोस की बात है कि आज देश के इन सपूतों को भुला दिया गया है जबकि हमारी नई नस्लों को अपने पूर्वजों की क़ुर्बानी को जानना बहुत ज़रूरी है।
हाफ़िज़ सलाहुद्दीन ने कहा जिन हस्तियों ने देश को आज़ाद कराने में अपना सब कुछ क़ुर्बान कर दिया और देश से निकाले जाने का दंश झेला उन्हें आज देश ने भुला दिया।
मोहम्मद इसराईल बाबू भाई ने कहा महेंद्र प्रताप सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पूर्व ज़िला अध्यक्ष डॉक्टर मसजूद अली आरज़ू,
मोहम्मद अल्ताफ़, चांद क़ुरैशी, मोहम्मद फ़ारूक़, वासिफ़, सग़ीर क़ुरैशी, सुहैल अहमद, आदि लोग मौजूद रहे।
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