केंद्र सरकार को न तो है कोयला संकट से मतलब है और न चाहती है उसका समाधान, केवल राज्य सरकारों को झूठा साबित कर अपनी जिम्मेदारी से भागना चाह रही है केंद्र सरकार: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया*

10 अक्टूबर, नई दिल्ली,दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने देश में कोयला संकट को लेकर केंद्र सरकार के उदासीन रवैए पर रविवार को जमकर हमला बोला।  उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पूरे देश में कोयला संकट होने के बावजूद केंद्र सरकार इसपर आँखे बंद किए हुए है| कोयला संकट पर केंद्र सरकार का ये उदासीन रवैया देश को उर्जा संकट की और धकेल रहा है|  उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी नींद से जागे। आँखे बंद करने से देश में कोयले का संकट ख़त्म नहीं होगा| कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोयला संकट को लेकर केंद्र सरकार को को आगाह किया फिर भी केंद्र सरकार में ऊर्जा मंत्री गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए इसे अफवाह बता रहे हैं और राज्यों को ही गलत कह रहे हैं। इससे साबित होता है कि केंद्र सरकार देश चलाने में पूरी तरह  असमर्थ है। केंद्र सरकार के पास इस संकट से देश को निकालने का कोई प्लान नहीं है इसलिए केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है और राज्य सरकारों को झूठा साबित कर रही है|


उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन संकट के केंद्र सरकार न जो गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाकर देश को संकट में डाला उससे लोग वाकिफ है| संकट के दौरान आँखे बंद रख अपनी जिम्मेदारी से बचने की केंद्र सरकार की नीति दोबारा देश के लिए घातक साबित हो सकती है 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर देश पर कोयला संकट और उर्जा संकट मंडरा रहा है| इसपर ध्यान देने के बजाय केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है और बेहद बेशर्मी से राज्य सरकारों की कोयला संकट को लेकर की गई अपीलों को अफवाह बता रही है| केन्द्रीय उर्जा मंत्री आर.के. सिंह ये कह रहे है कि देश में कोयले का संकट नहीं है| श्री सिसोदिया ने कहा कि ये बेहद दुःख की बात है कि केन्द्रीय मंत्री इतने गैर-जिम्मेदार बने हुए है| जब देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार को आगाह कर रहे है कि देश को आने वाले संकट से बचाए उस दौरान केन्द्रीय उर्जा मंत्री कह रहे है कि कोई संकट नहीं है| और कह रहे है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोयले संकट को लेकर प्रधानमंत्री को चिट्ठी नहीं लिखनी चाहिए थी| 

श्री सिसोदिया ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार से देश नहीं चल पा रहा है| केंद्र सरकार हर संकट के दौरान अपनी आँखे बंद कर ले रही है और जिम्मेदारी से भाग रही है| ऑक्सीजन संकट के दौरान भी केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागती नज़र आई जिसके कारण देश में हजारों लोगों ने अपनी जान गँवाई| आज देश के सामने दोबारा संकट की स्थिति है| पूरे देश में लोग कह रहे है देश में कोयले का संकट है जो उर्जा संकट में तब्दील हो सकता है| इससे पूरे देश को एक भयानक संकट झेलना होगा| सारा सिस्टम ठप हो जायेगा| सभी इंडस्ट्री को शटडाउन का सामना करना पड़ेगा| उन्होंने कहा कि इस तरह से अपनी जिम्मेदारी से भागने की केंद्र की नीति पहले भी देश के लिए घटक साबित हो चुकी है और केंद्र समय रहते अपनी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करती है तो देश को दोबारा एक संकट का सामना करना पड़ेगा| 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार देश को संकट में डाल रही है| दिल्ली, आंध्र प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात आदि की सरकार केंद्र को आगे आने वाले संकट को लेकर आगाह कर रही है| कई पॉवर प्लांट बंद हो चुके है| राज्य सरकारे लम्बे पॉवरकट प्लान कर रही है| लेकिन इसके बाजवूद केंद्र सरकार अपनी आँखे बंद किए बैठे हुए है| केंद्र सरकार को न तो इस संकट से मतलब है और न ही उसका समाधान करना चाहती है| उन्होंने कहा कि इस समय केंद्र सरकार जिम्मेदार सरकार के रूप में ये स्वीकार करें की देश में कोयले का संकट है और उसका समाधान निकाले ना कि राज्य सरकारों को झूठा ठहराए| श्री सिसोदिया ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि अगर समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो देश पर बड़ा संकट आ जाएगा| उन्होंने कहा कि सरकारे सहयोग से चलती है इसलिए देश को इस संकट से निकालने के लिए केंद्र सरकार सहयोगात्मक रवैया अपनाए और राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस संकट को दूर करने के लिए प्लान बनाए|

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