पुलिस की हिरासत में दलित अरुण वाल्मीकि की मौत का मुद्दा गरमाया,

प्रियंका गांधी को आगरा जाने से पहले रोका फिर दी अनुमति। 

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर) उत्तर प्रदेश पुलिस हिरासत में दलित अरुण वाल्मीकि की मौत होने और मरने वाले के परिजनों से मिलने के लिए आगरा जाने के प्रयास कर रहीं प्रियंका गांधी को कुछ देर हिरासत में रखने के बाद आखिरकार अनुमति दे दी गई। उनके साथ तीन और लोग जा सकते हैं। वह हिरासत में दलित की मौत के मामले में उनके परिजनों से मिलने जा रही हैं। पहले उनके काफिले को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ में रोक लिया था और फिर प्रियंका को हिरासत में ले लिया था। इस दौरान आगरा एक्सप्रेस वे के एंट्री प्वाइंट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी भी की। प्रियंका गांधी अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने आगरा जा रही थीं। अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। 


प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में प्रश्न उठाया है कि किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? उन्होंने मांग की है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच हो, दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई हो तथा पीड़ित परिवार को मुआवज़ा मिले। प्रियंका ने कहा है कि अरुण वाल्मीकि का परिवार न्याय मांग रहा है और वे उनके परिवार से मिलना चाहती हैं।  
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले में ट्वीट किया है। अखिलेश ने कहा है कि आगरा में साठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई और फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या कर दी गई। उन्होंने घटना में शामिल पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है। 
उन्होंने ट्वीट किया है कि "भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा."। 
पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी इस मामले में ट्वीट किया है कि आगरा में एक सफाईकर्मी की पुलिस हिरासत में हुई मौत अति-दुःखद व शर्मनाक है। बीएसपी ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार दोषियों को सख़्त सज़ा दे तथा पीड़ित परिवार को भी सहायता दे। 
ज्ञात रहे कि आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से शनिवार रात को 25 लाख रुपये की चोरी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि को हिरासत में लिया था। लेकिन पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई। जबकि पुलिस का कहना है कि अरुण का स्वास्थ्य ख़राब हुआ और अस्‍पताल में उसकी मौत हुई है। इस घटना के बाद वाल्‍मीकि समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया। वाल्‍मीकि समाज के लोगों ने मृतक के परिजनों को दो करोड़ रुपये मुआवज़ा देने की मांग की है।  

हालांकि 302 हत्या का मामला दर्ज किया गया है लेकिन किसी को नामजद नहीं किया गया। 
 लेकिन पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एक इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। 
पुलिस के अनुसार ये केस आगरा के जगदीशपुरा थाने का है. बीते शनिवार को थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी हुई थी. इस चोरी की जाँच के दौरान पुलिस ने थाने में काम करने वाले सफ़ाईकर्मी अरुण वाल्मीकि को मंगलवार दोपहर चार बजे ताजगंज थाना क्षेत्र से हिरासत में लिया.
पुलिस का दावा है कि सफ़ाईकर्मी से पूछताछ के बाद पुलिस ने 15 लाख रुपये से अधिक बरामद किए. पुलिस का दावा है कि बाक़ी रकम की बरामदगी के लिए उससे पूछताछ की जा रही थी.
आगरा के एसएसपी मुनिराज जी ने बताया है कि "ख़बर मिली कि अचानक उनकी हालात बिगड़ गई तो परिवार के साथ पुलिसकर्मी उनको हॉस्पीटल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया."। उन्होंने आगे बताया, "वीडियोग्राफ़ी के साथ पोस्टमार्टम किया जाएगा. परिवार वालों ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कराई है. एसपी ईस्ट के नेतृत्व में जांच समिति घोषित कर दी गई है. उनके पोस्टमार्ट्म की रिपोर्ट आएगी और उस आधार पर हम इस मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे."

अरुण की मां विमला देवी रोते बिलखते कहती हैं, "मेरे लाल को मार डाला है, मैंने कहा था कि अगर वो चोर है तो उसे सज़ा दो लेकिन उन्होंने उसे मार डाला। ."
अरुण की पत्नी सोनम का कहना है कि "पुलिस वालों ने उन्हें मार दिया. नमक-मिर्च सब उनके शरीर पर डाला हुआ था. मोटे-मोटे डंडे से मारते रहे. उन लोगों ने मार डाला। "
आगरा के ज़िलाधिकारी और पुलिस प्रशासन अरुण के परिवार वालों से बात करके माहौल को शांत रखने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि मामला तूल न पकड़े। लेकिन चुनाव का समय और समस्त विपक्ष के इस पर ध्यान देने के बाद मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है। अरुण के भाई सोनू नरवाल ने आगरा ज़िलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि "परिवार को एक सरकारी नौकरी, और अरुण के बच्चे के लिए व्यवस्था की जाएगी. पुलिस ने 302 का मुक़दमा लगाया है. मैं करवाई से संतुष्ट हूँ. बहु के लिए सरकारी नौकरी चाहिए, फिर वो अपनी व्यवस्था करेगी। "
 अरुण का शव आज बुधवार को घर लाया गया और वाल्मीकि समाज के सैंकड़ों लोग उनके घर पर मौजूद हैं. पुलिस ने सुरक्षा के प्रबंध कर रखे हैं। 

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