सामाजिक संस्था पैनी नजर की अध्यक्ष सुनीता गंगवार एडवोकेट के संज्ञान लेते ही अपहरण किया हुआ 18 वर्षीय पुत्र परिवार को मिला।


https://youtu.be/go8_uDHzVs4

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट।

पीड़ित परिवार लगातार थाने के चक्कर काटता रहा किंतु पुलिस ने युवक को ढूंढने की कोई कोशिश नहीं की बल्कि परिवार से कहा कि खुद ही अपने लड़के को ढूंढ लो, सुनीता गंगवार

नवाबगंज, बिशनपुर निवासी रामौतार के 18 वर्षीय पुत्र राहुल जोकि थाना इज्जत नगर क्षेत्र में मिनी बाईपास के पास यादव नर्सरी में काम करने वाले युवक का 3 अक्टूबर को अपहरण हो गया था जिस के संबंध में परिवार ने थाना इज्जतनगर में पुत्र की गुमशुदगी की 4 तारीख को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई ।



उसके पश्चात लगातार परिवार थाने के चक्कर काटता रहा किंतु पुलिस ने युवक को ढूंढने की कोई कोशिश नहीं की बल्कि परिवार से कहा कि खुद ही अपने लड़के को ढूंढ लो  पुलिस के पास लड़का नहीं रखा है। पुलिस प्रशासन के चक्कर काट के थक हार के पीड़ित परिवार ने पैनी नजर सामाजिक संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार से संस्था कार्यालय में संपर्क किया अध्यक्ष पीड़ित परिवार उनके रिश्तेदारों से घटना की पूरी जानकारी ली उसके पश्चात वहीं से परिवार के सामने ही थाना इज्जत नगर को फोन लगाकर बात की और पुलिस प्रशासन से पूरी जानकारी ली कि उस पर पुलिस प्रशासन ने किया अब तक कार्यवाही की अध्यक्ष ने बताया कि पुलिस ने केवल तहरीर ली थी उसकी रिसीविंग दी थी पुलिस ने कोई f.i.r. नहीं दर्ज की थी अध्यक्ष से बात करने के पश्चात पुलिस ने कहा ठीक है हम एफ आई आर की कॉपी दे देंगे परिवार को मेरे पास भेज दीजिए उसके पश्चात परिवार अगले दिन पुलिस से फिर संपर्क किया ।पुलिस बराबर परिवार को धमकाकर भागा देता था ।ये है पुलिस का पीड़ित के साथ रवैया । संस्था का दबाव पड़ते ही अगले दिन पीड़ित पिता के पास एक फोन आया जिला रामपुर के ग्राम खानूपुरा से कि आपका लडका यहां है । पीड़ित परिवार व उसके रिश्तेदार तुरंत उस गांव के लिए रवाना हुए और वहां जाकर उन्हें लड़का मिला जिस परिवार के साथ वह लड़का रह रहा था उन्होंने बताया कि यह लड़का उन्हें छह-सात दिन पहले मिला था इसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी यह अपने घर का पता नहीं बता पा रहा था ना ही कोई नंबर से याद था इसलिए कई दिनों तक उनके साथ रहता रहा उसके पश्चात जब से कुछ याद आया तो उसने अपने पिता का नंबर बताया और उस नंबर पर उन्होंने संपर्क करके देता को जानकारी दी इस तरह से यह लड़का परिवार को मिला उसके पश्चात पीड़ित परिवार थाने गया वहां पर उस लड़के के बयान हुए जिसमें उसने बताया कि जब वो रात में सोने के लिए गया तभी उसके मुंह पर किसी ने कपड़ा डालकर बंद किया व गला भी दबाया फिर भी उसने गला दबाने वाले को पहचान लिया और उसके पश्चात वह बेहोश हो गया उसके बाद उसे क्या हुआ कुछ पता नहीं लड़के के शरीर पर निशान भी पाए गए हैं जैसे उसे किसी चीज से काफी मारा गया है लड़के ने आरोपी का पुलिस को नाम भी बताया और परिवार ने उस आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की लेकिन जब उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई तब परिवार ने पुनः संस्था से संपर्क किया और संस्था अध्यक्ष को सारी बात बताई संस्था अध्यक्ष ने तुरंत परिवार के ही सामने थाने से जानकारी ली और पूछा कि आरोपी के खिलाफ अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई तो पुलिस ने अपने ढुलमुल नीति के तहत बताया कि हम जांच कर रहे हैं पुलिस की जांच कैसे चलती है यह पूरा समाज जानता है और आज तक जांच के सही मायने जनता को पता नहीं लग पाए हैं संसाधन ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने अगर जरा भी ढिलाई बरती तो संस्था उसके खिलाफ उच्चाधिकारियों से शिकायत करेगी और आंदोलन करना पड़ा तो आंदोलन भी करेगी ऐसे मुलजिम समाज में खुले नहीं घूमने चाहिए जिससे कि आगे भी समाज में बच्चों के अपहरण की घटनाएं होती रहेंगी यदि घटनाओं पर विराम लगाना है तो पुलिस प्रशासन को ऐसे आरोपियों को सजा तक पहुंचाना होगा।

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