दंगे में चाय की दुकान हुई तबाह और लगा मर्डर का झूठा केस, 18 महीने रहे जेल में।
पीड़ित ज़फ़र भाई का जमीयत उलमा ए हिंद ने शुरू कराया रोज़गार।
जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी और महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने और भी मदद और जेलों में बंद निर्दोषों को सहायता पहुंचाने का दिया आश्वासन।
नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर) दिल्ली दंगों में अनेक निर्दोषों को झूठा फंसा कर उन्हें जेल में भेजने की अनेकों घटनाएं सामने आ रही हैं और बहुत से ऐसे लाचार और असहाय पीड़ित हैं। जो जेल के अंदर और बाहर बड़े परेशान हाल हैं। जिनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं है, लेकिन ऐसे में जमीयत उलमा ए हिंद संस्था लगातार दंगा पीड़ितों की हर तरह से सहायता कर रही है। उनको रोज़गार दे रही है। पीड़ितों के मकान और जला दी गईं दुकानें बना कर दे रही है। निर्दोषों को ज़मानत दिला रही है। लाइलाजों का इलाज करा रही है।अभी फिलहाल तीन लोगों को इलाज के लिए मद्रास भेजा गया है जहां उनका बड़ा ऑपरेशन हो रहा है।
इस संबंध में महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने बताया की जमीअत उलमा ए हिंद दंगा पीड़ितों की मदद के लिए दिन रात लगी हुई है। और अभी तक 340 लोगों को ज़मानत दिलाई जा चुकी है जबकि 154 मुकदमों पर सहायता पहुंचाने की कार्रवाई चल रही है। इसके अलावा दिल्ली में 12 मस्जिदों 44 दुकानों 166 मकान शिव विहार में और एक पूरी टायर मार्केट को पुनर्स्थापित करके लोगों को मदद पहुंचाई गई है। शाहरुख खान और वकील अहमद (जिन पर दंगे के दौरान तेजाब फेंक दिया गया था जिससे उनकी दोनों आंखें समाप्त हो गई हैं) को मद्रास में अच्छे इलाज के लिए जमीयत उलमा ए हिंद ने ही भेजा है।और अभी कुछ दिनों के दौरान ही 5 करोड़ की राशि लोगों की सहायता के लिए जमीयत ने खर्च की है।
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