इत्तेहाद फ्रंट ने,भुमिहीन अलपसंख्यकों निष्कासन करके कृषि फार्म की स्थापना का किया विचिपाझार में Agricultural co-operative socity को भूमि आवंटन पर कैबिनेट के फैसला का विरोध इत्तेहाद फ्रंट की।


इत्तेहाद फ्रंट असम स्टेट कमेटी के अध्यक्ष नूर इस्लाम ने ,असम सरकार के विभिन्न कृषि सहकारी समितियों को पंजीकृत कर कृषि फार्म स्थापित करने और कृषि सहकारी समितियों के नाम पर चिपाझार में 77420 बीघा भूमि आवंटित करने के निर्णय का विरोध करते हुए,कहा है की,चिपाझार में पिछले 50/60 वर्षों से कम से कम 40,000 लोग 77420 बीघा भूमि पर रह रहे हैं।   उन जगहों मे सरकारी प्राथमिक विद्यालयों, सरकारी आंगनबाडी केन्द्रों,  सरकारी एमई विद्यालयों के अलावा उनके नाम एनआरसी में अतंर्गत हैं।  सरकारी आवास योजना की मदद भी मिला। 1951, 1961, 1971 की  voter list में नाम  भी हैं।उस जगहों में रहने वाले वास्तविक भूमिहीन धार्मिक अल्पसंख्यकों को  निष्कासन करके कृषि सहकारी समितियों को आवंटित करके कृषि-पाम स्थापित करने के  लिए असम सरकार के मंत्रिमंडल के निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कहते हैं कि पूर्व से  रहने वाले सभी लोग लगे हुए हैं कृषि में।  उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें वंचित करने की   साजिस किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।असम सरकार ने चिपाझार में रहने वाले सभी भूमिहीन धार्मिक अल्पसंख्यकों को  पेंशन, राशन कार्ड, जॉब कार्ड और सरकारी नौकरी होने के भाबझुत, उन्होनें कृषि सहकारी समितियों को आवंटित करके कृषि फार्म स्थापित करने का निर्णय लिया है।  फ्रंट के अध्यक्ष नूर इस्लाम ने कहा है की, राज्य सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करना चाहती,जो संविधान के खिलाफ है।

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