मुस्तकीम मंसूरी ने दहेज को सभी धर्मों में जहां सामाजिक बुराई बताया

 बरेली 4 फरवरी अहमदाबा में दहेज की खातिर आयशा की खुदकुशी किए जाने पर आज हमारे संवाददाता ने मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव व अखिल भारतीय मंसूरी समाज के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मुस्तकीम मंसूरी से खास बातचीत की बातचीत के दौरान मंसूरी समाज के प्रदेश अध्यक्ष मुस्तकीम मंसूरी ने दहेज को सभी धर्मों में जहां सामाजिक बुराई बताया वहीं उन्होंने बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखते हुए कहा। इसके लिए जहां सामाजिक संगठनों के जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी नहीं निभाया वही हमारे मजहबी  रहनुमा भी इस पर जागरूकता पैदा करने पर आगे आने से बचते रहे। उन्होंने दहेज प्रथा कानून में संशोधन कर कानून को सख्त बनाने के लिए दहेज लेने और देने वाले दोनों को कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान कानून में रखने की मांग करते हुए कहा कि अगर इस सामाजिक बुराई दहेज प्रथा को खत्म करना है। तो सरकार के साथ-साथ सामाजिक और मज़हबी लोगों को सख़्ती से अभियान चलाकर ऐसे लोगों जो दहेज देते हैं या लेते हैं उनका सामाजिक बहिष्कार भी करना चाहिए तभी सामाजिक बुराई दहेज प्रथा पर अंकुश लग सकेगा वरना इस प्रचलन को रोकना एक मुश्किल काम है।

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