हो जश्न सबके लिए खुशगवार होली का डॉ. अहमद अली बर्क़ी आज़मी
हो जश्न सबके लिए खुशगवार होली का
डॉ. अहमद अली बर्क़ी आज़मी
लो आज ख़त्म हुआ इंतज़ार होली का
न क्यों लें मिल के सब आनंद यार होली का
सरों पे सब के चढ़ा है खुमार होली का
नशा रहे यह यूँही बरक़रार होली का
जिधर भी देखो नज़र आ रहा है प्यार का रंग
हो जश्न सब के लिए खुशगवार होली का
तमाम अहले वतन पर खुदा की रहमत हो
मनाएं जश्न यूँही बार बार होली का
जला ना भक्त प्रह्लाद जल गई होलिका
था छड़ यह कैसा हसीं यादगार होली का
दुआ है फिर ना हो पैदा कोई हिरन कश्यप
रहे गा जश्न तबी शानदार होली का
हमेशा सत्य की होती रहे असत्य पे जीत
दिलों में सब के रहे ऐतेबार होली का
समाँ यह देखने लायक़ हो भाई चारे का
किसी को रंग ना हो नागवार होली का
मना रहे है जो तेवहार यह खुलूस के साथ
दिलों से ख़त्म ना हो उन के प्यार होली का
ना खुश्क हो कभी सोता यह प्यार का बर्क़ी
रहे हमेशा यह क़ाएम निखार होली का
AAII HOLI KHUSHI KA LE KE PAYAM
AHMAD ALO BARQI AZMI
AAII HOLI KHUSHI KA LE KE PAYAM
AAP SAB DOSTON KO MERA SALAM
SAB HAIN SARSHAR KAIF O MASTI MEIN
AAJ KI HAI BAHUT HASEEN YEH SHAAM
SAB RAHEIN KHUSH YAHI DUA HAI MERI
HAR KOII DOSRON KE AAYE KAAM
BHAI CHARE KI HO FIZA AISI
BADA E ISHQ KA PIEIN SAB JAAM
HO NA TAFREEQ KOII MAZHAB KI
JASHN KI YEH FIZA HO HAR SOO AAM
AMN AUR SHANTI KA HO MAHAUL
JANG KA KOII BHI NA LE AB NAAM
RANG MEIN AB PADE NA KOII BHANG
SAB KAREIN EK DOSRE KO SALAM
RAHEIN MIL JUL KE LOG AAPAS MEIN
SAB KO BARQI KA HAI YAHI PAIGHAM
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