झारखंड की नई सरकार ने एक झटके में दिया लोगों को तोहफा






झारखंड की नई सरकार ने अपने वादों पर अमल करते हुए छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी), संथालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) संशोधन अधिनियम का विरोध करने वालों पर हुए मुकदमे वापस लेने निर्णय लिया है। झारखंड के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुए नए मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। सरकार ने सीएनटी-एसपीटी संशोधन अधिनियम का विरोध करने वालों तथा पत्थलगढ़ी घटना के दौरान जिन लोगों पर मुकदमे किए उसे वापस लेने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार में विभिन्न विभागों में जितनी भी रिक्तियां हैं, उन्हें यथाशीघ्र भरने का निर्देश दिया गया। महिलाओं तथा अवयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीडऩ एवं अन्य अपराधों के बारे में प्रत्येक जिले में त्वरित अदालत का गठन करते हुए न्यायिक पदाधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन करने का निर्णय लिया गया।मंत्रिमंडल की बैठक में सभी जिले के उपायुक्त विभिन्न प्रकार के अनुबंध कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विभिन्न श्रेणियों के पेंशन भोगियों, सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां एवं पारा शिक्षकों से संबंधित सभी लंबित भुगतान पूर्ण कराने के लिए प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने सभी उपायुक्त को यथाशीघ्र अपने-अपने जिलों में गरीब एवं पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल, ऊनी टोपी वितरण करने तथा जाड़े से राहत के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। बैठक में झारखंड सरकार के प्रतीक चिन्ह (लोगो) पर विमर्श किया गया। इसे झारखंड राज्य की संस्कृति, परंपरा, इतिहास एवं स्वर्णिम भविष्य के अनुरूप संशोधित करने की आवश्यकता बताई गई। इस संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित कर इसे नया स्वरूप देने की कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया गया।


 


 


 


 







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