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राजू श्रीवास्तव हास्य कलाकार

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राजू श्रीवास्तव (जन्म : २५ दिसम्बर १९६३, कानपुर) भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार हैं। वह मुख्यत: आमआदमी और रोज़मर्रा की छोटी छोटी घटनाओं पे व्यंग सुनाने के लिए जाने जाते हैं। राजू श्रीवास्तव राजू श्रीवास्तव व्यवसाय  हास्य कलाकार       जीविका     वर्ष फ़िल्म भूमिका टिप्पणी १९८८ तेजाब   विशेष उपस्थिति १९८९  मैंने प्यार किया ट्रक क्लीनर   १९९३  बाजीगर कॉलेज विद्यार्थी    मिस्टर आजाद     १९९४  अभय     २००१  आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया बाबा चिन चिन चू   २००२  वाह तेरा क्या कहना बन्ने खान का सहायक   २००३ मैं प्रेम की दीवानी शम्भू   २००६ विद्यार्थी: द पावर ऑफ स्टूडेंट्स इंस्पेक्टर जेके   २००७  बिग ब्रदर ऑटो चालक तथा रिज़वान अहमद    Bombay to Goa एंथनी गोंसाल्वेस   २०१० भावनाओं को समझो दया फ्रॉम गया    बारूद द फायर     २०१७  टॉयलेट एक प्रेम कथा      फिरंगी   विशेष उपस्थिति इन फिल्मों के अलावा राजू श्रीवास्तव ने टीवी सीरियल में काम किया है जिनमें है शक्तिमान, बिग बॉस ,ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज

सायरा बानो दिलीप कुमार की जोड़ी मानी जाती है आज भी सुपरहिट

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सायरा बानो दिलीप कुमार पर क्यों थी फिदा ? दिलीप कुमार और सायरा बानो की जोड़ी आज भी मानी जाती है सुपरहिट September 22, 2019 • S A Betab  दिलीप कुमार की फिल्मों के दीवाने हैं आज भी लोग ।दिलीप कुमार जिनका असली नाम युसूफ खान है बात जब उनकी आती है तो सारे कलाकार फीके पड़ जाते हैं अभिनय के सम्राट कहे जाने वाले दिलीप साहब यानि युसूफ खान साहब दिल के भी बहुत बड़े हैं ।और यह उनके बड़प्पन की बात है जब उन्होंने अपने भाई बहनों को पाला उनकी शादियां की और अपनी शादी 44 साल की उम्र में सायरा बानो के साथ की। जिनसे उन्हें कोई औलाद तो नहीं हुई लेकिन हिंदुस्तान के 90 करोड़ लोग उनकी औलाद है। यह डायलॉग उन्होंने फिल्म कर्मा में बोला था आज भी लोगों के दिलों दिमाग पर छाया हुआ है ।  जिन लोगों ने दिलीप साहब की फिल्मों को देखा है वह आज भी उनकी फिल्मों के इस कदर दीवाने हैं ,लोग आपस में बात करते हुए जब भी दिलीप साहब का जिक्र करते हैं तो संवाद अदायगी का वह अंदाज़ बहुत कम कलाकारों के पास मिलता है। आज भले ही कलाकार किसी एक फिल्म में काम करने के करोड़ों लेते हों, लेकिन एक वो भी वक्त था, जब फिल्मी कलाकारों को मासिक वेतन

नसीरुद्दीन शाह एक कलाकार ही नहीं ,अदाकार भी है

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नसीरुद्दीन शाह कलाकार ही  नहीं अदाकार भी है।  "नहीं चाहिए वो दिल फेंक आशिक जो महबूबा का हाथ थाम ते ही अपने हथियार फेंक दे। अभिनय सम्राट दिलीप कुमार का यह डायलॉग फिल्म कर्मा में जब बोला गया तो सुनिए नसीरुद्दीन शाह ने क्या कहा था .. .  . ...... ...................आपको खूब अच्छी तरह याद होगा । मिर्जा गालिब में असद उल्लाह खां ग़ालिब का रोल हो या फिर फिल्म मोहरा में समाधान अखबार के एडिटर का वह रोल कौन भूल सकता है। "इस मदमस्त चेहरे ने मुझे दीवाना बना दिया  इन खूबसूरत होठों पर  अपने प्यार की मोहर लगाना चाहता हूं। "रोमा इस अंधे ने इस काले चश्मे के पीछे छिपी आंखों से तुम्हारे हुस्न को जिया है । और अनगिनत ऐसी यादें हैं  जो दर्शकों के  दिलो-दिमाग में रच- बस जाती हैं ।नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें हिंदी फ़िल्म उद्योग में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो। नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उ

॰ बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अदाकारा मधुबाला

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फिल्म 'मुग़ल ए आज़म' में अनारकली का किरदार निभाने के बाद मधुबाला लोगों की नज़रों में अनारकली के ही रूप में बस गयीं. भारतीय सिनेमा में मधुबाला को साल 1942 से 1960 के बीच एक से बढ़कर एक फ़िल्में करते देखा गया है. मधुबाला को अभिनय के साथ साथ उनकी सुन्दरता के लिए भी याद किया जाता है. इन्हें इनकी ज़िन्दगी को देखते हुए 'वीनस ऑफ़ इंडियन सिनेमा' तथा 'द ब्यूटी ऑफ़ ट्रेजेडी' जैसे उपमाओं से भी जाना जाता है. इन्होने महल, अमर, मि. एंड मिस 55, बरसात की रात, मुग़ल ए आज़म आदि फ़िल्मों में अपनी दमदार भुमिका निभायी है। मधुबाला  का जन्म १४ फ़रवरी १९३३ को दिल्ली में एक पश्तून मुस्लिम परिवार मे हुआ था। मधुबाला अपने माता-पिता की ५ वीं सन्तान थी। उनके माता-पिता के कुल ११ बच्चे थे। मधुबाला का बचपन का नाम 'मुमताज़ बेग़म जहाँ देहलवी' था। ऐसा कहा जाता है कि एक भविष्यवक्ता ने उनके माता-पिता से ये कहा था कि मुमताज़ अत्यधिक ख्याति तथा सम्पत्ति अर्जित करेगी परन्तु उसका जीवन दुखःमय होगा। उनके पिता अयातुल्लाह खान ये भविष्यवाणी सुन कर दिल्ली से मुम्बई एक बेहतर जीवन की तलाश मे आ गये। मुम्बई मे उन्हो

अपने हुस्न और अदाओं के बल पर जिसने किया फिल्मी दुनिया पर राज, उसका नाम है मुमताज

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मुमताज फिल्मी दुनिया की  एक ऐसी हीरोइन है  जो बला की खूबसूरत तो थी  लेकिन इतने बड़े दिल की भी मालकिन थी  जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है । एक फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ काम करते हुए उन्हें पता चला  कि अमिताभ को उनकी कार पसंद है  सुना है कि अमिताभ बच्चन को उनकी मर्सिडीज कार पसंद आ गई थी । मुमताज ने शूटिंग खत्म करने के बाद  अपनी मर्सिडीज की चाबी अमिताभ बच्चन को दी और उनकी साधारण कार से अपने घर वापस चली गई ।मुमताज़ हिन्दी फ़िल्मों की एक ऐसीअभिनेत्री हैं। उन्होंने 1971 में खिलौना में अपने किरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। हालांकि उन्होंने छोटी सहायक भूमिकाओं के साथ शुरुआत की, बाद में उन्होंने तरक्की की और अपने समय के सभी शीर्ष अभिनेताओं के साथ मुख्य भूमिकाओं में काम किया। जन्म: 31 जुलाई 1947 (आयु 72 वर्ष) मुंबई पति/पत्नी:   Mayur Madhvani(विवा. 1974) पूरा नाम: मुमताज़  बच्चे नताशा मधवानी, तानिया मधवानी पुरस्कार: फिल्म फेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री उनके माता-पिता अब्दुल सलीम अस्कारी और हबीब आगा ईरान से संबंधित थे। वर्ष 1947 में, मुमताज़ के जन्म के ठी