स्वास्थ्य विभाग की झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई से मचा हड़कंप, फ़ैज़ क्लिनिक किया सील
रिपोर्ट-मुस्तकीम मंसूरी
बरेली के ईटपज चौराहा कांकार टोला स्थित फ़ैज़ क्लिनिक डॉ मोहम्मद फहीम हुसैन द्वारा अवैध रूप से चलाया जा रहा था जहां पर छोटे-छोटे बच्चों का इलाज डॉक्टर फहीम हुसैन द्वारा किया जा रहा था क्लीनिक पर कोई ट्रेंड स्टाफ न होकर नाबालिक बच्चों द्वारा क्लीनिक में आने वाले मासूम बच्चों को
इंजेक्शन और ड्रिप दिए जा रहे थे, डॉक्टर मोहम्मद फहीम हुसैन अपने आप को कंसलटेंट फिजिशियन एंड चाइल्ड स्पेशलिस्ट बताकर क्षेत्र की भोली वाली जनता से इलाज के नाम पर मोटी रकम भी वसूल रहा था इस मामले की शिकायत किसी पीड़ित द्वारा स्वास्थ्य विभाग को की गई, जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विश्राम सिंह ने तत्काल संज्ञान लेते हुए डिप्टी सीएमओ डॉक्टर लईक अहमद अंसारी के नेतृत्व में
एक टीम गठित करके तत्काल छापे की कारवाई के निर्देश दिए स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया और आसपास के झोलाछाप डॉक्टर भी अपनी क्लीनिक बंद करके फरार हो गए हैं डिप्टी सीएमओ डॉक्टर लईक अहमद अपनी टीम के साथ फ़ैज़ क्लिनिक को पर पहुंचे और अवैध रूप से एक छोटी सी गली में चल रहे क्लिनिक को सील कर दिया, वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि डॉक्टर अपने आप को पीडिया स्पेशलिस्ट बताता है और क्षेत्र की जनता अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को लेकर इलाज कराने
पहुंच जाती है और पीडिया के नाम पर इलाज करने वाला डॉक्टर मोहम्मद फहीम हुसैन गरीबों से मोटी कमाई करता है, वही मौके पर उपस्थित एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस क्लीनिक पर चार से छह दिन तक बच्चों का इलाज करने के बाद किसी दूसरे पीडिया डॉक्टर के पास रेफर कर दिया जाता है पहले यह डॉक्टर अपने आप लुटता है फिर उसके बाद मोटे कमीशन के चक्कर में बच्चों को बड़े अस्पतालों में रेफर करता है, आज डिप्टी सीएमओ डॉक्टर लईक अहमद अंसारी द्वारा की गई छापामार कार्रवाई पर लोगों ने कहा इस तरह की करवाई इसके खिलाफ बहुत पहले हो जाना चाहिए थी परंतु किसी पीड़ित द्वारा शिकायत किए जाने पर जितनी तेजी से साथ स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है इसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है आज की कार्रवाई से आसपास के झोलाछाप डॉक्टरों में भी हड़कंप मच गया है कई क्षेत्रीय डॉक्टर डिप्टी सीएम की गाड़ी देखकर अपनी दुकानों के शटर गिरा कर फरार हो गए क्षेत्रीय लोगों का कहना है अगर इसी तरह की कार्रवाई झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध होने लगे तो गरीब लोगों को इलाज के नाम पर लूटने वालों की दुकान बंद हो जाएंगी।
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