सुरेंद्र कुमार एडवोकेट अध्यक्ष,लोनी बार एसोसिएशन गाजियाबाद द्वारा मुख्यमंत्री को लिखित आपत्ती पत्र में लोनी नगर पालिका परिषद को गाजियाबाद नगर निगम में सम्मिलित करना संवैधानिक विकेंद्रीकरण की लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध है। स्थानीय स्वशासन की नीति के विरुद्ध है शासन सत्ता शासन


 सेवा में,

       माननीय मुख्यमंत्री महोदय,

         उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ।

                             ज्ञापन द्वारा श्रीमान जिलाधिकारी

                            महोदय जनपद गाजियाबाद

विषय - संवैधानिक लोकतांत्रिक शक्तियों के विकेंद्रीकरण करने की शासन प्रशासन की व्यवस्था के अनुपालन में शासन प्रशासन की शक्तियों का स्थानीय स्तर पर विकेंद्रीकरण कर *शासन प्रशासन आपके द्वार* की सविधानिक विधिक संकल्पना को स्थानीय स्तर पर ही ,स्थानीय चुने हुए लोकतांत्रिक जनप्रतिनिधियो और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद लोनी को गाजियाबाद नगर निगम में सम्मिलित कर संवैधानिक लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की स्थानीय शासन प्रशासन व्यवस्था को खत्म कर गाजियाबाद नगर निगम में शामिल कर साविधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने का विरोध करते हुए,


लोनी नगर पालिका को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल करने के प्रस्ताव को निरस्त करने के लिए ज्ञापन/आपत्ति:_


महोदय,

   उपरोक्त विषयक के सम्बन्ध में स्थनीय दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रहे गैर बीजेपी शासित स्थानीय निकायों लोनी नगर पालिका परिषद ,खोड़ा नगर पालिका परिषद,मुरादनगर नगर पालिका परिषद,नगर पंचायत डासना का साविधानिक अस्तित्व खत्म कर नगर निगम गाजियाबाद में शामिल किए जाने की खबरों के माध्यम से जानकारी में आया है। लोनी नगर पालिका परिषद जो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाली नगर पालिका परिषद है जिसका कई बार सीमावर्ती गांवों /ग्रामपंचायतों को सम्मिलित कर विस्तार किया गया है। लोनी नगर पालिका परिषद में बहुत प्रयास करने के बावजूद भी आपसी भाईचारा मजबूत होने के कारण बीजेपी अपना नगर अध्यक्ष नहीं बना पाई है। जिसके सम्बन्ध में स्थानीय माननीय विधायक द्वारा लोनी नगर पालिका परिषद सहित सभी उक्त गैर बीजेपी शासित नगर पालिकाओ का संविधानिक लोकतांत्रिक जनमत की व्यवस्था को खत्म करके संवैधानिक नगर निकायों के द्वारा स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था को हड़प कर संवैधानिक विकेंद्रीकरण की शासन व्यवस्था शासन प्रशासन आपके द्वार की सुनिश्चित संवैधानिक व्यवस्था को खत्म कर गाजियाबाद नगर निगम में सम्मिलित करने की आलोकप्रिय खबरे स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रही है। श्रीमानजी लोनी नगर पालिका परिषद देश की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद है। नगर पालिका बनने के बाद स्थानीय स्तर पर शासन सत्ता का विकेंद्रीकरण हुआ है। स्थानीय स्तर पर जन समस्याओं के निस्तारण और समाधान के लिए स्थानीय निवासियों में संवैधानिक लोकतंत्र की व्यवस्था की समझ बढ़ी है।स्थानीय स्तर पर मानवीय विकास और जन समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रयास में लोनी नगर पालिका क्षेत्र का भी विकास हो रहा है। लोनी नगर पालिका परिषद की सीमा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, बागपत और गाजियाबाद से लगी हुई है। यमुना और हिंडन नदी के असुरक्षित नदी तट बांधो के टूटने के नाम पर मानवीय संसाधनो के संकटकारी दोनो नदियों की दोआब का जल निकासी की समस्या और संक्रामक बीमारियों की आशंका से ग्रस्त हैं।गाजियाबाद के जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा लोनी के भौगोलिक विकास के साथ साथ मानवीय विकास के प्रति सदैव ऊपेक्षित रवैया अपनाया है भेदभाव किया है। गाजियाबाद जिला प्रशासन और गाजियाबाद के जिले के प्रतिनिधियों की ऊपेक्षा और लापरवाही के कारण गाजियाबाद जिला प्रशासन के अधीन मार्गो का सुनिश्चित विकास नहीं हुआ है। सड़के गड्ढा मुक्त नहीं हुए हैं । जलभराव की समस्या से ग्रस्त है। यमुना नदी के तटबंध यमुना नदी का सुरक्षा कवच अलीपुर बंद टूटने से लोनी के लाखों की आबादी के प्राण संकट में बीते हैं। लोनी का प्रदूषण देश में सर्वाधिक है। लोनी नगर पालिका परिषद की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक भौगोलिक और शैक्षणिक विकास के साथ साथ टैक्स कलेक्शन की स्थिति प्रस्थिति गाजियाबाद नगर निगम से अलग है। इसलिए ट्रांस हिडन सहित लोनी नगर पालिका, लोनी क्षेत्र के निवासी लोनी को नगर निगम बनाने और लोनी सहित ट्रांस हिंडन क्षेत्र को अलग जिला बनाने की मांग करते रहे हैं। लोनी नगर पालिका परिषद की जनसंख्या अलग नगर निगम के मानकों को पूरा करती है। लोनी के प्रबुद्ध और संविधानिक रूप से जागरूक लोग लोनी को नगर निगम बनाने की और लोनी को जिला बनाने की निरंतर मांग करते रहे हैं।

  लोनी नगर पालिका परिषद में विगत 10 माह पूर्व ही 11 ग्रामो/पंचायतों को सम्मिलित कर नगर विकास अनुभाग -2 लखनऊ के शासनादेश 758/नो -2-2022-02 सीमा विस्तार दिनाक  08/08/2022 के द्वारा अधिसूचना जारी की गई। जिसमे मतदाताओं की संख्या 7.50 लाख से अधिक  है लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित नहीं किए गए है। लोनी नगर पालिका परिषद में मानक से अधिक मतदात  होने के कारण 55 वार्डो के स्थान पर 60 वार्ड बनाकर चुनाव की अधिसूचना जारी की गई थी। जो नगर पालिका अधिनियम 2016 के अनुसार नगर पालिकाओं में वार्डो की संख्या 55 से अधिक नही होने के कारण नगर पालिका परिषद लोनी की इस अधिसूचना को निरस्त कर पुनः 55 वार्डो की अधिसूचना जारी की गई। 

  नगर पालिका परिषद लोनी में उक्त 11गांवों को शामिल करके गाजियाबाद जिले में ही लोनी को एक नया "लोनी नगर निगम" बनाने के उद्देश्य से ही  लोनी का सीमा विस्तार किया गया था। लोनी नगर पालिका परिषद का क्षेत्र नगर निगम के सभी मानकों को पूरा करता है। लोनी नगर पालिका परिषद से राष्ट्रीय राजमार्ग 709बी भी गुजरता है। रेलवे लाइन, रेलवे स्टेशन भी है। लोनी नगर पालिका क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक शैक्षणिक मानवीय विकास की स्थिति स्थिति गाजियाबाद से अलग अलग है। जो गाजियाबाद नगर निगम में शामिल होकर पूरी नहीं हो सकती हैं। लोनी नगर पालिका परिषद को गाजियाबाद नगर निगम में सम्मिलित करना संवैधानिक विकेंद्रीकरण की लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध है। स्थानीय स्वशासन की नीति के विरुद्ध है शासन सत्ता शासन के अधिकारी पदाधिकारी आपके द्वारा  संवैधानिक लोकतान्त्रिक व्यवस्था के विरुद्ध है स्थानीय निकाय के द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधि चुनकर स्थानीय नेतृत्व के विकास की नीति के विरुद्ध है। उक्त लोनी जिले का भौगोलिक क्षेत्र जनसंख्या हापुड़ सहित अन्य कई जिलों से ज्यादा है। लोनी नगर पालिका ट्रांस हिंडन क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से भी बड़ा है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार संवैधानिक शक्तियों को संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची, केंद्र सूची में विभाजित कर छोटी-छोटी प्रशासनिक इकाइयों का गठन कर शासन सत्ता का स्थानीय स्तर पर स्वशासन को मजबूत करने के लिए विकेंद्रीकरण करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए देश की सभी सरकारों द्वारा संविधानिक सत्ता शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने के लिए देश में छोटे-छोटे राज्य उत्तरांचल, छत्तीसगढ़ ,झारखंड, हरियाणा, गोवा, त्रिपुरा, नागपुर, नागालैंड, मेघालय ,मणिपुर और अभी हाल ही में जम्मू कश्मीर को तीन भागों में विभाजित किया गया है। राज्यों को छोटे-छोटे जिले तहसील और ब्लॉक, नगर निर्माण कर शासन को स्थानीय स्तर पर मानवीय विकास की पहुंच में सुनिश्चित करने की संविधानिक संकल्पना को स्वीकार किया गया है।

    श्रीमान जी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शी असविधानिक मांग पर बिना सोचे समझे जिला प्रशासन गाजियाबाद द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी के कथित निर्देशों के अनुपालन में लोनी नगर पालिका परिषद व खोड़ा नगर पालिका परिषद के साथ-साथ गैर बीजेपी शासित नगर अध्यक्षों/ नगर पालिका मुरादनगर डासना नगर आदि के संवैधानिक अस्तित्व को खत्म कर, हड़प कर लोनी नगर पालिका परिषद को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर भेजना,संवैधानिक शक्तियों का विकेंद्रीकरण कर स्थानीय स्तर पर स्वशासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने,स्थानीय निवासियों में लोकतांत्रिक अधिकारों को जाग्रत कर मजबूत कर लागू करने की संविधानिक विधि संकल्पना के संघर्ष को खत्म कर, हड़प करना संविधानिक लोकतान्त्रिक विकेंद्रीकरण की व्यवस्था के विरुद्ध,आलोकतांत्रिक तानाशाही पूर्ण कृत्य है। जिसका लोनी नगर पालिका परिषद के सभी साविधानिक लोकतान्त्रिक विकेंद्रीकरण की व्यवस्था में विश्वास करने वाले जागरूक प्रबुद्ध निवासी विरोध करते हैं। विरोध कर रहे हैं। जागरूक प्रबुद्ध निवासियों में लोनी नगर पालिका परिषद को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल करने के प्रस्ताव के विरुद्ध जन आक्रोश फैल रहा है। लोनी नगर पालिका परिषद की संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने, स्थानीय निकायों को खत्म कर , लोनी नगर पालिका के मतदाताओं द्वारा असहमति के जनमत को कुचलकर, सत्ता हड़पने की राजनीतिक प्रतिशोध की भावना का हम अपने संवैधानिक विकेंद्रीकरण की लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अपने अधिकारों को बचाने के लिए संवैधानिक  तरीके से विरोध करते हैं। हम सभी प्रबुद्ध लोग जागरूक मतदाता नगर पालिका परिषद लोनी को नगर निगम गाजियाबाद में शामिल करने का विरोध करते हैं क्योंकि उक्त कृत्य लोकतांत्रिक  संवैधानिक  विकेंद्रीकरण की व्यवस्था के विरुद्ध है। जनहित में लोनी नगर पालिका को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल करने के किसी भी प्रस्ताव को निरस्त किया जाए। खत्म किया जाए और संवैधानिक शासन प्रशासन की शक्तियों को स्थानीय स्तर पर मजबूत करने के लिए नगर निकायों की शासन प्रशासन की संवैधानिक और विधिक शक्तियों का विकेंद्रीकरण सुनिश्चित करने की मांग के तहत लोनी नगर पालिका परिषद को ट्रांस हिंडन क्षेत्र को अलग जिला बनाने की मांग पर विचार किया जाना अति आवश्यक है।

     अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है की प्रार्थी के प्रार्थना पत्र /ज्ञापन का संविधानिक स्तर पर संविधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने /सुनिश्चित करने की  *शासन प्रशासन आपके द्वार की नीति*  के तहत संज्ञान लेकर लोनी नगरपालिका परिषद को नगर निगम गाजियाबाद में शामिल करने के प्रस्ताव को निरस्त किया जाए तथा संवैधानिक विकेंद्रीकरण की लोकतान्त्रिक व्यवस्था के तहत शासन शक्तियों के विकेंद्रीकरण के लिए स्थानीय स्तर पर लोकतांत्रिक स्वशासन की स्थानीय निकायों की व्यवस्था "शासन आपके द्वार" की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने की व्यवस्था पालन करते हुए लोनी नगर निगम का अलग से गठन किया जाए। लोनी नगर पालिका परिषद को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल न किया जाए । अपकी कृपा होगी।

                        निवेदक /प्रार्थी

             सुरेंद्र कुमार एडवोकेट 

             अध्यक्ष,

             लोनी बार एसोसिएशन

             गाजियाबाद।

              मो. 9350 2679 60

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