नूर महल मुगल शासक जहांगीर ने अपनी पत्नी नूरजहां की याद में बनवाया था।

 

रिपोर्ट-नाज़िश अली 

कभी लाहौर से दिल्ली जाने का मुख्य मार्ग नूर महल होकर ही गुजरता था।

नूरमहल (पंजाब)नूरमहल पंजाब के जालंधर के निकट स्थित है

 नूरमहल मुगल शासक जहांगीर ने अपनी पत्नी नूरजहां की याद में बनवाया था।

 जहांगीर और नूरजहां के बेटे शाहजहां ने भी अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था।


 भले ही आज नूरमहल की हालत सही न हो लेकिन पर्यटक इसके महत्व को देखते हुए यहां घूमने जरूर आते हैं।

 पंजाब के जालंधर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर नूरमहल स्थित है।

 कभी लाहौर से दिल्ली जाने का मुख्य मार्ग नूरमहल होकर ही गुजरता था

 इतिहासकारों के मुताबिक मल्लिका नूरजहां का जन्म यहीं पर हुआ था।

 जब नूरजहां के पिता मिर्जा ग्यारा मुहम्मद बेग ईरान से दिल्ली जा रहे थे तब उनके बेग का काफिला यहां आराम फरमा रहा था तभी उनकी बेगम को प्रसव पीड़ा हुई और नूरजहां का जन्म हुआ।

 नूरजहां का विवाह मुगल बादशाह जहांगीर से हुआ बादशाह ने नूरजहां की फरमाइश पर सन 1613 में विशाल महल तैयार करवाया। इस महल को आज नूरमहल की सराय के नाम से जाना जाता है।कभी सराय के अंदर के मस्जिद, रंगमहल, डाक बंग्ला आदि हुआ करते थे। सराय में 48 कोष्ठ और दो बुर्ज हैं।

 नूरजहां पक्षियों को बहुत प्यार करती थीं इसलिए किले में पक्षियों के लिए कोष्ठ बनवाए गए हैं।किले के मुख्य द्वार पर पालकी बनी है जिस पर दो हाथी सूंड उठाए स्वागत मुद्रा में बने हैं। नूरमहल के द्वार को गेटवे ऑफ मुगल भी कहा जाता है।

 आज किले के हिस्से में स्कूल और पुलिस थाने चल रहे हैं।

 देखभाल के अभाव में किले के कुछ हिस्से खंडहर में तब्दील हो रहे हैं।किले आसपास शेरशाह के बनवाए बुर्ज भी देखे जा सकते हैं जो डाक व्यवस्था के लिए बनवाए गए थे।

 पंजाबी लोकगीतों में भी नूरमहल कस्बे को याद किया जाता है। दो तारा वजदा वे रांझणा नूरमहल दे मोरी गीत भी इसी तर्ज पर बना।

 किसी जमाने में यहां प्रसिद्ध मेला लगता था।

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