बिहार के एक तिहाई परिवारों को लेकर चौंकाने वाला फैक्ट-महंगाई का मारा,200 रुपये डेली पर गुजारा?

रिपोर्ट-मुस्तकीम मंसूरी

बिहार में 94 लाख परिवार ऐसे हैं जो रोजाना 200 रुपये की कमाई पर जीवन यापन करने को मजबूर है।

नीतीश कुमार सरकार की ओर से विधानसभा में रखी गई जातिगत जनगणना रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए हैं।


बिहार में कुल 2.97 करोड़ परिवार रहते हैं इनमें से 94 लाख परिवार ऐसे हैं जिनकी मासिक कमाई 6000 रुपये या उससे भी काम है, यानी कि यह परिवार हर रोज 200 रुपये से भी काम कमाते हैं।


बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र जारी है मंगलवार को सत्र के दूसरे दिन सदन पटल पर जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पेश की गई, इस रिपोर्ट में बिहार के लोगों की आर्थिक स्थिति को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट में सामने आया है कि बिहार में पिछड़ा वर्ग में 33.16% सामान्य वर्ग में 25. 09% अति पिछड़ा वर्ग मैं 33. 58% अनुसूचित


जाति वर्ग (एससी) में 42. 93% और अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) में 42.7% गरीब परिवार है। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पेश की गई जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के आंकड़े अत्यंत चौंकाने वाले होने के साथ ही देश में अब तक की सभी सरकारों की कार्य प्रणाली पर एक बड़ा

सवाल खड़ा करती है। यही कारण है कि सरकारों में बैठे लोग जातीय जनगणना कराने से क्यों बचते रहे हैं? बिहार सरकार द्वारा कराई गई जाति का जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद पूरे देश में जातिगत जनगणना  कराए जाने की मांग बढ़ने की संभावन है।

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