देशवासीयों के समक्ष सवाल है कि ये जनप्रतिनिधि और मीडिया किसके प्रति जवाबदेह और ज़िम्मेदार है?
Surprise Kumar advocate |
प्रधानमंत्री जी अमेरिका में कहते हैं कि भारत में हर साल एक AIMS,Or IIT बन रहा है लेकिन एक महीने बाद ही लोकसभा देश की सर्वोच्च संसद विधायिका में पूछे गए सवाल के जवाब में लिखित में उत्तर दिया जाता है पिछले पांच सालों में एक भी AIMS Or IIT नहीं बना है, तो इस पर सब चुपी साध लेते हैं।
देश और देशवासीयों के समक्ष सवाल है कि ये जनप्रतिनिधि और मीडिया किसके प्रति जवाबदेह और ज़िम्मेदार है? देश के प्रति, देशवासियों या देश की सर्वोच्च संविधानिक संसद के प्रती?
हां कल इनके आकाओं को चैन की नींद जरूर आईं होगी कि राष्ट्रवाद के नाम पर इनके प्रमुख हथियार ई, डी, के डायरेक्टर को 45 दिनों का सेवा विस्तार मिल गया। कितनी हास्यास्पद दलीलें दी गई लेकिन राष्ट्रवाद के तड़के का स्तेमाल सिर्फ इसलिए किया गया कि अगर सेवा विस्तार ना दिया तो सविधान की रक्षक न्यायपलिका का चरित्रहरण, चीरहरण करने के लिए भक्तों को लगाया जाए कि CJI देखो विपक्षियों से मिलकर राष्ट्र विरोधी काम कर रहे हैं?
राजनेतिक गुलाम आईटी सेल के सदस्य अपने आकाओं को समझाओं कि तेरी कानून व्यवस्था,मेरी कानून व्यवस्था ना करें। अपनी संविधानिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जवाबदेही सुनिश्चित करें।
अपनी विफलताओं को स्वीकार करें।
हर डिफेंस में राष्ट्रवाद को बीच में ना लाएं, अपने संविधानिक व्यवस्था को सुरक्षित करने वाले और मानवीय विकास कार्यों को जनता को गिनाए, उक्त सम्बंध में संसद में भविष्य की प्लानिंग बताएं, देश पर क्यों लाखों करोड़ का कर्ज पिछले 10 सालों में लाद दिया गया, इसकी वज़ह क्या थी? भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार चिल्ला कर क्यों उन्हीं भ्रष्टाचारियों को भाजपा में शामिल कर मंत्री,मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है? अपने मंत्री मंडल के किसी भी एक मंत्री के अच्छे कार्यों को बताओं? खैर आशाराम,राम रहीम, रामपाल, आदि सरीखे अनेकों तथाकथित बाबाओं के भी समर्थक लाखों करोड़ों की तादाद में आज़ भी है।
मणिपुर की हिंसा का असर अब पड़ोसी राज्यों में भी होने लगा है। लेकिन भक्तों को संविधानिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के बजाय विपक्षी दलों के राज्यों की हिंसा की ज्यादा चिंता है।
मैं कहीं भी किसी भी हिंसा का घोर विरोधी हूं, लेकिन तेरी हिंसा, मेरी हिंसा करने से देश का कोई भला नहीं होने वाला नही है।
शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाएं रोजगार, बेरोजगारी, महंगाई, भूखमरी,अशिक्षा, गरीबी, गिरती अर्थव्यवस्था आदि पर कोई बात नहीं करता करता, ना ही कोई सवाल पूछता है?
सीमा हैदर,अंजु जैसे सेलेब्स मीडिया को कौन देता है? इसमें जांच एजेंसी है उन्हें काम करने दो, जन्म जाति धर्म क्षेत्र भाषा पर आधारित मानसिक नफरत भेदभाव को पोषित करने वाला अजीबोगरीब माहौल देश में क्यू बन रहा है, जो देश विदेश में हमारी उन्नति व प्रतिष्ठा को गिरा रहा है?
किसी की भी सरकार हो उससे जनहित के सवाल करो।
नेताओं और जनप्रतिनिधियों को मजबूर करो कि वो मुद्दों की बात करें। हमें या आम जनता को लाल डायरी से क्या मतलब।
इस ब्लैकमेलिंग से जनता का क्या फायदा?
अरे सत्ता आपकी हैं घपले बाजों को पकडो और जेल भेजो, चिल्लाते क्यों हो?
एक उदाहरण देखिए जिस हेमंत विश्वे शर्मा के भ्रष्टाचार पर भाजपा ने कई दिनों तक संसद नहीं चलने दी थी, आज़ वो भाजपा का सबसे अच्छा मुख्यमंत्री बना बैठा है? टू जी, थ्री जी, जीजा जी आदि अनेक घोटाले 10 साल पहले बताएं गए थे क्या हुआ? अनेकों उदाहरण है लेकिन हमें हिन्दू मुस्लिम राष्ट्रवाद में उल्झा कर ,,हमरा संविधानिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की बजाय, असल मुद्दो से भटकाने की राजनेतिक साजिश के तहत उल्लू बनाया जाता है।
अब देखिए सेवा विस्तार की राजनीति से,ईडी के डर से कितने लोग भाजपा में आएंगे।
चूंकि ई डी ने इतने लोगों को जेल नहीं भेजा, जितनों राजनेतिक लोगों को नोटिस भेजकर भाजपा में भेज दिया। उधार के सिंन्दूर से सुहागिन नहीं बनाया जा सकता है । देश के हालात समझों और देश हित में साविधानिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपनी साविधानिक जिम्मेदारी जवाबदेही तय कर, सही गलत व बुरे और सही को पहचानों?
पूछो?
कहा है चौकीदार,
कोन है संविधानिक व्यवस्था सुनिश्चित करने को जिम्मेदार?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
9599574952