उत्तरकाशी, लंबाई के लाल धाम से लहलहाएंगे गंगा घाटी के खेत, जिला अधिकारी ने उत्तरों गांव में की रोपाई,

 बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए एडवोकेट नबी हसन की रिपोर्ट, 

उत्तरकाशी, अपनी खास रंगत और लज्जत के साथ ही औषधीय गुणों के लिए  विख्यात रंवाई क्षेत्र के लाल धान की फसल अब जिले की गंगा घाटी में भी लहलहाएगी| जिला अधिकारी अभिषेक रूहेला की पहल पर कृषि विभाग ने गंगा घाटी के लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल खेती में इस साल लाल धन की पैदावार उगाने की तैयारी की है| जिला अधिकारी ने


आज उत्तरों गांव में ग्रामीणों के साथ लाल धान की पौध की रोपाई कर इस अभियान की शुरुआत की| दुनिया के कुछ चुनिंदा हिस्सों में उगने वाले लाल धाम की देश और दुनिया में काफी मांग है| लाल चावल में आम चावल की तुलना में में कई गुना अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं और लो ग्लाईसीमिक इंटेक्स के गुण से युक्त यह धान मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए माना जाता है| चेहरे की रंगत कायम रखने में भी लाल चावल सहायक माना जाता है| इसके साथ ही इसमें कैंसर रोगी गुण भी पाए जाते हैं| इन्हीं औषधीय गुणों के

कारण लाल धान की मांग और कीमत आम धान की तुलना में काफी अधिक है| उत्तरकाशी जिले के रंवाई क्षेत्र यमुना व टौंस नदी के मध्यवर्ती इलाकों में लाल धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती रही है|और रवाई लाल धान ने अपनी अलग पहचान बनाई है| पुरोला के रामा सिंराई के मीलों तक पसरे ढलानों से लेकर कमल सिलाई तक का सरसब्ज़ इलाका लाल धान की राजधानी कहा जा सकता है| हाल के वर्षों में लाल धान की मांग बाहरी क्षेत्रों के अलावा स्थानीय स्तर पर भी काफी बड़ी है लेकिन इसका उत्पादन सीमित क्षेत्रों में होने के कारण बाजार की मांग पूरी नहीं हो पा रही है| चेहरे की रंगत को कायम रखने में लाल चावल सहायक माना जाता है| इसके साथ ही इसमें कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं| औषधीय गुणों के कारण लाल धान की मांग और कीमत आम धान की तुलना में अधिक है| लाल धाम के उत्पादन से किसानों की आजीविका के स्तर में वृद्धि की व्यापक संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला की पहल पर कृषि विभाग ने लाल धान के रास्ते को रवाई क्षेत्र से बाहर तक  विस्तार देकर जिले की गंगा घाटी के चिन्यालीसौड़ डुंडा और भटवाडी़ ब्लॉक के 30 से अधिक क्षेत्रों के गांवों में लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसे उगाने की योजना बनाई है| मोहिन के तहत परोला क्षेत्र से 60 कुंतल बीज लाकर धान की नर्सरी तैयार की गई और अब इसकी पौध खेतों में रोपे जाने के लिए तैयार है| इस पहल को जमीन पर उतारने के लिए खुद जिलाधिकारी अभिषेक  रुहेला ने आज भटवाडी़ ब्लॉक के उतरौं खेत में पावर वीडर से जुताई कर धान की रोपाई की शुरुआत करवाई| जिला अधिकारी के साथ मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी जी धान की रोपाई में शामिल रहे| मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया पहले चरण में गंगा घाटी के लगभग 600 किसानों को लाल धान उगाने की मुहिम में शामिल किया गया है| इस प्रयास को अगले दौर में और अधिक विस्तार दिया जाएगा| लाल धान की प्रोफाइल में जिलाधिकारी को अपने बीच पाकर ग्रामीण काफी उत्साहित और अभिभूत नजर आए| इस मौके पर हलवे का वितरण करने के साथ ही ग्रामीण महिलाओं ने परंपरिक गीत गाकर रोपाई के इस पर्व का जश्न मनाया और लोक देवी देवताओं से लाल धान की सफलता की कामना की| इस मौके पर ग्रामीणों की मांग पर जिला अधिकारी गांव में सिंचाई की सुविधाओं को दुरुस्त किए जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में लपेटा पाइप की व्यवस्था करने सहित गुल को दुरुस्त करने हेतु लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों से दूरभाष पर निर्देश देते हुए कहा कि यह सब इंतजाम एक-दो दिन में कर दिया जाएगा| जिला अधिकारी ने ग्रामीणों को गुणवत्ता युक्त चारा उत्पादन के लिए नेपियर घास की पौध भी वितरित की|

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