पीलीभीत नगरपालिका अध्यक्ष पद की सपा प्रत्याशी नसरीन अंसारी ने न्यायालय में दायर की याचिका,दोबारा मतगणना कराने की लगाई गुहार

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए पीलीभीत से शाहिद खान की रिपोर्ट

नगर पालिका परिषद पीलीभीत के अध्यक्ष पद के चुनाव में पराजित समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नसरीन अंसारी ने आज दोपहर बाद न्यायालय चुनाव याचिका प्राधिकरण में एक मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए याचिका दायर कर दी है। उन्होंने मतगणना परिणाम अवैध घोषित करने और दोबारा मतगणना कराने की गुहार लगाई है।


सपा प्रत्याशी नसरीन अंसारी ने नगर पालिका अध्यक्ष डॉ.आस्था अग्रवाल व अन्य के खिलाफ धारा 19 एवं 20 उ0प्र0 नगर पालिका अधिनियम 1916 के अंतर्गत यह याचिका दायर की है। अपने अधिवक्ता अमित पाठक   

एडवोकेट व राशिद मियां कदीरी एडवोकेट के माध्यम से यह याचिका दायर की है। याचिका में डॉ.आस्था अग्रवाल को मुख्य विपक्षी बनाया गया है। श्रीमती उर्मिला गौतम, श्रीमती कमरूल निशा,श्रीमती शबाना खानख् आकांक्षा अग्रवाल, पुष्प, श्रीमती प्रियंका कौशिक, श्रीमती मीरा अग्निहोत्री, श्रीमती विमला जायसवाल, श्रीमती सावित्री देवी , रिटर्निंगग आफीसर (नगर पालिका परिषद, पीलीभीत अध्यक्ष पद हेतु चुनाव 2023 मतगणना), उप निर्वाचन अधिकारी / उपजिलाधिकारी सदर पीलीभीत। जिला निर्वाचन अधिकारी  जिलाधिकारी को भी पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि याची नगर पालिका परिषद पीलीभीत, जनपद पीलीभीत के अध्यक्ष पद के निर्वाचन 2023 में अध्यक्ष पद की प्रत्याशी थी। विधिवत् रूप से अपना नामांकन प्रस्तुत किया गया था, जाँचोपरान्त याची के नामांकन-पत्र को वैध पाये जाने पर चुनाव में सहभागिता हेतु याची को सम्मिलित किया गया। इसी प्रकार विपक्षी सं0-1 लगायत 10 द्वारा भी अध्यक्ष पद हेतु अपने - अपने नामांकन कराये गये थे, जो सही पाये गये तथा इसी प्रकार वह भी चुनाव में सम्मिलित हुये थे। नगर पालिका परिषद पीलीभीत, जनपद पीलीभीत के अध्यक्ष पद निर्वाचन 2023 में याची समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी थी तथा याची का चुनाव चिन्ह साईकिल था। अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु विपक्षी सं0-11 लगायत 13 द्वारा मतदान की तिथि 11 मई नियत की गयी थी तथा मतगणना के लिये तिथि 13 मई .2023 निश्चित की गयी थी। यह कि विपक्षी सं0-1, जो भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के फूल से चुनाव लड़ रही थी, को नियम विरुद्ध ढंग एवं मनमाने ढंग से मतगणना में हेरा-फेरी करके अवैध रूप से विजयी घोषित किया गया तथा याची, जोकि वास्तविक रूप से यदि सही मतगणना होती, तब विजयी होती, परन्तु विपक्षी सं0-11 लगायत 13 द्वारा सत्ताधारी पार्टी के राजनीतिक दबाव में तथा शहर विधायक / राज्यमंत्री ( भारतीय जनता पार्टी ) उत्तर प्रदेश शासन के अनुचित दबाव में आकर नियम विरुद्ध ढंग से मतगणना करके याची को उपविजेता दर्शाया गया, इस कारण विपक्षी सं0-1 के चुनाव को अवैध घोषित कराने तथा पुनः मतगणना कराने हेतु उपरोक्त याचिका प्रस्तुत करने की याची को आवश्यकता हुयी। इस कारण याची की ओर से यह याचिका प्रस्तुत की जा रही है, जोकि प्रथम याचिका है। नगर पालिका परिषद पीलीभीत, जनपद पीलीभीत के अध्यक्ष पद के निर्वाचन 2023 में विपक्षी सं0-11 से 13 द्वारा जो परिणाम घोषित किये गये हैं, के विरुद्ध याची द्वारा कोई भी याचिका भारत वर्ष के किसी भी न्यायालय में इस याचिका के अतिरिक्त योजित नहीं की गयी है और न ही विचाराधीन है।

याचिका मंे कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में सरकार है तथा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार केन्द्र एवं प्रदेश में है, भारतीय जनता पार्टी सत्ताधारी पार्टी है, जिसका राजनीतिक प्रभाव समस्त प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों पर है। भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी / प्रतिनिधि यह नहीं चाहते थे कि उनकी पार्टी का कोई प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर चुनाव हारे, इसलिये पार्टी की नीतियों व निर्देशों के अनुसार विपक्षी सं0-1 भाजपा प्रत्याशी एवं उनकी पार्टी के जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों व सहयोगियों ने चुनाव प्रक्रिया व मतगणना प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अवहेलना एवं उल्लंघन कर भ्रष्ट आचरण ( ब्वततनचज च्तंबजपबम) अपनाते हुये विपक्षीगण 11 लगायत 13 के अवैधानिक सहयोग से विपक्षी सं0-1 को विधि विरुद्ध रूप से विजयी घोषित कराया गया। इस अवैध प्रक्रिया में विपक्षीगण 11 लगायत 13 समान रूप से भागीदार हैं। विपक्षी सं0-1 के प्रबल समर्थक एवं चुनाव में अभिन्न सहयोगी रहे थे, पंकज शर्मा द्वारा विपक्षी सं0-1 के निर्देशन में चुनाव प्रक्रिया के दौरान समुदाय व धर्म के आधार पर संरचना कर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट डाली गयीं। उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा - 28 (6) के प्राविधानों के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण से परिभाषित है, जिस सम्बन्ध में तत्समय विपक्षीगण सं0-11 लगायत 13 से शिकायत करने पर उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

13 मई को नगर पीलीभीत स्थित ड्रमण्ड राजकीय इन्टर कॉलेज हाल में मतगणना की जो प्रक्रिया अपनायी गयी, वह निष्पक्ष व पारदर्शी नहीं थी तथा राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश के पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन हेतु जारी निर्देश पुस्तिका के निर्देशों के प्रतिकूल थी । विपक्षी सं0-11 लगायत 13 द्वारा उपरोक्त निर्देश पुस्तिका में वर्णित किसी भी निर्देश का पालन नहीं किया गया तथा विपक्षी सं0-1 को अनुचित लाभ पहुंचाते हुये विजयी बनाने हेतु उनके द्वारा ( विपक्षी सं0-11 लगायत 13 द्वारा) प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से विधि विरुद्ध आचरण करते हुये मतदान व मतगणना प्रक्रिया में धांधली की गयी व करायी गयी तथा अवैध रूप से चुनाव परिणाम घोषित किया गया जो निम्न आधारों पर निरस्त किये जाने योग्य है। यह कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव से पूर्व सभी निर्वाचन अधिकारियों को जहाँ-जहाँ स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे थे, मतगणना को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कराने के निर्देश दिये गये थे, परन्तु मतगणना स्थल ड्रमण्ड राजकीय इन्टर कॉलेज पीलीभीत में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी तथा कोई भी रिकॉर्डिंग का प्रबन्ध प्रत्येक मतगणना टेबिल पर नहीं किया गया था। इस कारण भी मतगणना पारदर्शी रूप से सम्पन्न नहीं हो सकी।

मतगणना कर्मियों की नियुक्ति में किसी विभाग के दो से अधिक अधिकारी / कर्मचारी एक मतगणना दल में नहीं रखे जाने के निर्देश थे तथा केवल सरकारी, अर्द्धसरकारी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित नियमों, प्राधिकरणो, बोर्ड व फेडरेशन के अधिकारियों / कर्मचारियों के अतिरिक्त किसी अन्य संस्था के कर्मचारियों, अधिकारियों की ड्यूटी न लगाने का निर्देश था, साथ ही यह भी विशिष्ट निर्देश था कि किसी नगरीय निकाय के अधिकारी / कर्मचारी की ड्यूटी मतगणना कार्य में न लगायी जाये, साथ यह भी निर्देश थे कि मतगणना कर्मियों की नियुक्ति उनके निवास के विधानसभा क्षेत्र में नहीं की जायेगी, केवल महिलाओं को इसमें छूट प्रदान की गयी थी परन्तु उक्त निर्देशों का उल्लंघन करते हुये विपक्षी सं0-11 लगायत 13 द्वारा जिन कर्मियों को मतगणना में लगाया गया था, उनमें से अधिकतर शिक्षा विभाग के शिक्षक थे तथा उनके निवास स्थान नगर पालिका परिषद पीलीभीत की सीमा के अन्तर्गत ही थे। मतगणना प्रक्रिया में विपक्षी सं0-11 लगायत 13 के द्वारा गणना टेबिल व्यवस्था गणना कर्मियों की नियुक्ति, व्यवस्था एवं मतगणना स्थान पर उपस्थित रहने वाले अधिकृत व्यक्तियों की व्यवस्था के सम्बन्ध में घोर अनियमिततायें की गयीं एवं उपरोक्त वर्णित निर्देश पुस्तिका में वर्णित निर्देशों का मनमाने ढंग से खुला उल्लंघन करके विपक्षी सं0-1 को अनुचित लाभ प्रदान करने की बदनीयत से अव्यवस्थायें नियम एवं निर्देशों के विपरीत की गयी तथा निर्वाचन आयोग के निर्देशों को अन्देखा करके घोर अनियमिततायें मतगणना में की गयीं।

याचिका में कहा गया है कि मतगणना कक्ष में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के कई पदाधिकारीगण जिलाध्यक्ष एवं बरखेडा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनाधिकृत रूप से उपस्थित रहे तथा लगातार मतगणना में अनुचित हस्तक्षेप करते रहे तथा प्रशासन पर दबाव बनाकर नियम विरुद्ध ढंग से एवं मनमाने ढंग से विपक्षी सं0-1 को अनुचित लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से मतगणना को विपक्षी सं0-1 के पक्ष में प्रभावित करते रहे, जिसमें विपक्षी सं0-11 लगायत 13 द्वारा याची के साथ पक्षपातपूर्ण रवैय्या मतगणना मे अपनाया गया तथा भ्रष्ट आचरण अपनाकर मतगणना परिणाम मनमाने ढंग से घोषित किया गया। पीलीभीत नगर पालिका परिषद के समस्त 27 वार्डाे के सदस्यों व अध्यक्ष पद की गणना अभिकर्ताओं को मतगणना कक्ष में एक साथ प्रवेश कराकर प्रत्येक गणना टेबिल पर जानबूझकर गम्भीर अव्यवस्था उत्पन्न की गयी। याची के गणना अभिकर्तागण गणना हेतु लगाई गई 28 टेबिलों पर हुयी मतों की गणना को सुचारू रूप से देखने नहीं दिया गया तथा गणना पयवेक्षकों से वह अपने निर्देशों के अनुसार मतगणना कराकर एवं गणना प्रपत्र प्रारूप - 38 प्राप्त कर विपक्षी सं0-1 को विजयी बनाने में मदद कर सकें, जिस क्रम में मतगणना कर्मियों के द्वारा भी गणना टेबिलों पर मनमाने ढंग से गणना की जा रही अनियमितताओं पर याची के गणना अभिकर्ताओं द्वारा की गयी समस्त आपत्तियों को नकार दिया गया एवं प्रारूप गणना पत्र पर नियमतः उनके हस्ताक्षर भी कई टेबिलों पर नहीं कराये गये और न ही उन्हें दिखाया गया तथा याची को प्राप्त वैध मतों को भी विपक्षी सं0-1 के मतपत्रों में विपक्षी सं0-1 एवं विपक्षी सं0-11 लगायत 13 के द्वारा भ्रष्ट आचरण अपनाते हुये असंवैधानिक रूप से मिला दिया गया तथा मनमाने ढंग से विपक्षी सं0-1 को विजयी घोषित किया गया है । मतगणना नियम एवं कानून तथा संविधान के विरुद्ध की गयी तथा याची पर भी अनुचित रूप से दबाव बनाकर धमकियां दी गयी। याचिका में गुहार लगाई गई संपन्न हुए पीलीभीत नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव की मतगणना को  शून्य घोषित किया जाए और मतपत्रों की गणना दोबारा पारदर्शिता के साथ कराई जाए। याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सपा समर्थित उम्मीदवार श्रीमती उजमा आदिल की हार की समीक्षा

सरधना के मोहल्ला कुम्हारान में खंभे में उतरे करंट से एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत,नगर वासियों में आक्रोश

विधायक अताउर्रहमान के भाई नसीम उर्रहमान हज सफर पर रवाना