सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के भाजपा मेयर प्रत्याशी को हराकर सपा का मेयर बनाने के मंसूबे को बरेली के सपा नेता ना काम करना चाहते हैं, आखिर क्यों?

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए बरेली से नाजिश अली की रिपोर्ट, 


बरेली,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जिला स्तरीय नेताओं ने पार्टी की जमकर  कराई फजीहत जहां एक तरफ अपने कार्यकर्ताओं को जोड़ने की बात करते हैं वहीं नगर निकाय चुनाव में बरेली महानगर कमेटी पर एक बार फिर गलत तरीके से टिकट देने का आरोप लगाकर पूर्व सभासद

और समाजवादी पार्टी से 20 साल से जुड़े रहे जहीरूद्दीन उर्फ मुन्ना वार्ड 71 नई बस्ती से अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं| पार्टी के कार्यक्रम में सक्रिय रहकर पार्टी के सदस्य बनाने में भी आगे आगे रहे मगर जब टिकट देने की बारी आई तो एक अन्य दावेदार हसन दानिश की पत्नी को टिकट दे दिया गया जिससे नाराज होकर जहीरूद्दीन मुन्ना ने कहा कि  पार्टी का मेयर प्रत्याशी को इस बार पचास हजार वोटो से हारना है| और नगर निगम के अधिकतर वार्डो से भी सपा  प्रत्याशियों को हरवाएंगे|  आपको बताते चलें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जातीय समीकरणों के आधार पर शहर से मेयर प्रत्याशी के रूप में कायस्थ समाज से आने वाले संजीव सक्सेना को  प्रत्याशी बनाकर भाजपा को मजबूत चुनौती पेश की है|

जिसके कारण भाजपा खेमे में सपा सुप्रीमो के दांव से भाजपा प्रत्याशी के चयन को लेकर गंभीर मंथन चल रहा है| वहीं सपा नेताओं में संजीव सक्सेना जैसे मज़बूत प्रत्याशी को लेकर गुटबाजी चरम पर पहुंच चुकी है| जिसको मेयर प्रत्याशी द्वारा कल बुलाई गई प्रेस वार्ता में सपा के जिला व शहर अध्यक्षों के उदास चेहरों से साफ नजर आ रहा था| वही सपा के कई बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी से गुटबाजी भी साफ नजर आ रही थी| वही आज पूर्व सभासद मुन्ना ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए सपा के महानगर संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा

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