मौलाना तौकीर रजा व सुप्रीम कोर्ट के वकील मेहमूद प्राचा की प्रशासन से हुई नोकझोंक

 


मौलाना तौकीर रजा़ खांन द्वारा 15 मार्च को बरेली से दिल्ली के लिए निकाले जाने वाले पैदल मार्च के जरिए 20 मार्च को दिल्ली पहुंचकर देश की महामहिम राष्ट्रपति  द्रोपति मुर्मू महोदया को ज्ञापन देकर अपने समाज के कुछ मुद्दों से अवगत कराना चाहते थे जिसका ऐलान मौलाना तौकीर रजा खान द्वारा पहले ही किया जा चुका था परंतु प्रशासन द्वारा मौलाना तौकीर रजा खां को भारी पुलिस फोर्स लगाकर   उनके सौदागरान स्थित निवास पर नजरबंद किया गया, मौलाना तौकीर रजा खां की नजरबंदी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं क्या तिरंगा यात्रा निकालना प्रशासन की नजर में अपराध है, क्या अपने समाज की समस्याओं को महामहिम राष्ट्रपति महोदय को अवगत कराना क्या अपराध है, क्या संविधान और लोकतंत्र बात करना अपराध है, जिसको लेकर मौलाना तौकीर रजा खान और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील मेहमूद प्राचा के बीच मौलाना तौकीर रजा खान की नजरबंदी को लेकर नोकझोंक भी हुई,

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