सिर्फ किसी व्यक्ति पर आतंकवाद के आरोप के नाम पर इस तरह से किसी भी संस्थान को ढहाना कैसे कानूनी हो सकता है!

रिहाई मंच के महासचिव  राजीव यादव ने  आसाम में  आतंकवादी गतिविधियों में सम्मिलित व्यक्ति  पर आरोप  होने के बाद  एक मदरसे को ढाने पर सवाल उठाया है? 



क्या प्रज्ञा ठाकुर, असीमानंद के किसी संस्थान को ढहाया गया!बिना आरोप तय हुए ये कार्रवाई अवैध है!




अगर कोई व्यक्ति आतंकी है भी तो उसको सजा मिलेगी न कि किसी सार्वजनिक संस्थान को ढहा दिया जाएगा! ये सिर्फ और सिर्फ बदले की कार्रवाई है! देश में आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम समुदाय को टारगेट किया गया जिसमें उनको बड़े पैमाने पर बेगुनाह कहते हुए अदालतों द्वारा छोड़ा गया! इसी देश की सुप्रीम कोर्ट कह चुकी है कि मुस्लिम को इतना न परेशान की जाए कि उसे कहना पड़े माई नेम इज खान बट आई एम नाट टेररिस्ट!

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