मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरिता विहार में 330 बेड के निर्माणाधीन टेंपरेरी आईसीयू अस्पताल का दौरा कर जायजा लिया।

 नई दिल्ली – मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरिता विहार में 330 बेड के निर्माणाधीन सेमी परमानेंट/टेंपरेरी आईसीयू अस्पताल का आज दौरा कर जायजा लिया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह अस्पताल अक्टूबर-नवंबर में बनकर तैयार हो जाएगा। हमने कोरोना के समय दिल्ली में सात अस्पताल बनाने शुरू किए थे, ताकि भविष्य में अगर कभी दोबारा कोरोना महामारी आती है, तो बड़े स्तर पर आईसीयू बेड तैयार मिलें। ऐसा लगता है कि अब कोरोना से निजात मिल गई है, लेकिन ये सातों अस्पताल पूरी दिल्ली की जनता के काम आएंगे। हमारी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा तबज्जो दे रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरिता विहार के अस्पताल के लिए 20-25 साल पहले जमीन चिन्हित की गई थी और चुनाव से पहले हर पार्टी यहां आकर अस्पताल बनाने के लिए नारियल फोड़ा करती थी, लेकिन बनाने की किसी की नीयत नहीं थी। इंजीनियरिंग की आधुनिक तकनीक से बन रहे सातों अस्पतालों में से अन्य 6 अस्पताल दिसंबर से जनवरी तक बनकर तैयार हो जाएंगे। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा सरिता विहार में बनवाए जा रहे सेमी परमानेंट/टेंपरेरी आईसीयू अस्पताल का आज दौरा कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक-एक चीजों की विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अस्पताल का निर्माण कार्य काफी तेज गति से चल रहा है और तय समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। डॉक्टर, स्टॉफ, मरीजों की सहूलियतों का विशेष ध्यान रखते हुए अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरिता विहार में यह 330 बेड का नया हॉस्पिटल बन रहा है। हम लोगों ने कोरोना के समय में इस तरह के 7 हॉस्पिटल पूरी दिल्ली के अंदर बनाने शुरू किए थे। यह सातों अस्पताल इस उद्देश्य से बनाने शुरू किए थे कि अगर कभी भविष्य में कोरोना की महामारी दोबारा आती है, तो बहुत बड़े स्तर पर आईसीयू और बेड तैयार मिले। अभी फिलहाल करोनो की बीमारी तो नहीं है। अब ऐसा लगता है कि शायद कोरोना से निजात मिल गई है, लेकिन यह सातों हॉस्पिटल पूरी दिल्ली के काम आएंगे। जिस स्थान पर हॉस्पिटल बन रहा है, यह जगह 20-25 साल पहले चिंहित की गई थी। 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बताया गया कि हर चुनाव के पहले हर पार्टी यहां आकर नारियल फोड़ा करती थी कि हम हॉस्पिटल बनाएंगे, लेकिन शायद बनाने की नियत किसी की नहीं थी। अब हमारी आम आदमी पार्टी की सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा तवज्जो दे रही है। अब उम्मीद है कि यह हॉस्पिटल अक्टूबर-नवंबर में बनकर तैयार हो जाएगा। यह 330 बेड का हॉस्पिटल है। मैं समझता हूं कि इसके बन जाने से पूरे क्षेत्र के लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। इसमें कई सारी चीजें हैं, जो आर्किटेक्चरल प्वाइंट ऑफ व्यू से पहली बार इस्तेमाल की गई है। जिसकी वजह से बहुत तेजी से और बहुत कम समय में यह हॉस्पिटल बनकर तैयार हो गया है। इसके अलावा, निर्माणाधीन 7 में से 6 अन्य हॉस्पिटल भी दिसंबर के अंत तक या जनवरी में बनकर तैयार हो जाएंगे। मैं समझता हूं कि इसके बाद पूरी दिल्ली के लोगों को काफी सुविधा होगी और दिल्ली में काफी बड़े स्तर के ऊपर मेडिकल सुविधाएं बढ़ेंगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्माणाधीन अस्पताल का जायजा लेने के उपरांत ट्वीट कर कहा, ‘‘सरिता विहार में बन रहे 330 बेड के अस्पताल का आज निरीक्षण किया। पूरी दिल्ली में हम ऐसे 7 अस्पताल बना रहे हैं। इंजीनियरिंग की आधुनिक तकनीक से बन रहे इन 7 अस्पतालों में से कुल 6 अस्पताल दिसम्बर-जनवरी तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इन अस्पतालों से दिल्लीवासियों को काफ़ी सुविधाएं मिलेंगी।’’
वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज सीएम अरविंद केजरीवाल जी के साथ सरिता विहार मे बनाए जा रहे 330 आईसीयू बेड की क्षमता के अस्पताल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन मे बनाए जा रहे 7 आधुनिक आईसीयू अस्पतालो मे से एक यह अस्पताल 2-3 महीने मे बनकर तैयार होगा। साथ ही, कुल 6 नए अस्पताल दिसम्बर-जनवरी तक तैयार हो जाएंगे।’’
सरिता विहार में बन रहे सेमी परमानेंट/टेंपरेरी आईसीयू अस्पताल की नींव में मिट्टी और आरसीसी का काम, पीईबी संरचना का निर्माण, डेक शीट, आरसीसी स्लैब का काम पूरा हो गया है। आंतरिक विभाजन, अग्नि पेंट, अग्रभाग, विद्युत सेवाएं और फिनिशिंग कार्य प्रगति पर हैं। इस अस्पताल में 330 बेड होंगे। सलाहकार द्वारा ड्राइंग में संशोधन और नवंबर-दिसंबर में प्रदूषण के कारण निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के बाद कोविड लहर के कारण काम में देरी हो रही है। इस अस्पताल में मेटल इंसुलेटेड पैनल्स और कांच की दीवारें होंगी। रोगी कॉरिडोर एरिया में आवाजाही एक डबल डोर वेस्टिबुल के जरिए होगी। चिकित्सा देखभाल स्टाफ और गैर तकनीकी कर्मचारियों का प्रवेश और निकास मरीजों के प्रवेश प्वाइंट से अलग होगा। मरीजों और चिकित्सा देखभाल स्टाफ की आवाजाही के लिए अलग कॉरिडोर होगा और आपूर्ति कॉरिडोर भी अलग होगा।
इस अस्पताल में निर्माणाधीन सेमी परमानेंट/टेंपरेरी आईसीयू अस्पताल के पहले फ्लोर पर वेटिंग एरिया, रजिस्ट्रेशन रूम, इलेक्ट्रिक रूम, स्टॉफ रूम, इमरजेंसी रूम, नर्स स्टेशन, फायर कंट्रोल रूम, सीटी स्कैन, एक्सरे, डायग्नोस्टिक रिसेप्शन, फार्मेसी, वार्ड एरिया और मोर्चरी होगी। दूसरे तल पर वेटिंग एरिया, फार्मेसी, कैफेटेरिया, एएचयू रूम, वार्ड एरिया, नर्स स्टेशन होगा। तीसरे तल पर स्क्रबिंग चेंजिंग रूम, लॉकर रूम, सैंपल कलेक्शन रूम, रिकॉर्ड रूम, कोल्ड स्टोरेज रूम, लैब, डॉक्टर व स्टॉफ के लिए डाइनिंग एरिया, ब्लक बैंक आदि होगा। वहीं, चौथे तल पर ओटी, एएचयू रूम आदि होगा। 
दिल्ली सरकार शालीमार बाग की तरह ही दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर सात सेमी परमानेंट/टेंपरेरी आईसीयू अस्पताल बना रही है। इन सातों सेमी आईसीयू अस्पतालों में करीब 6830 बेड्स होंगे। शालीमार बाग में 1430 बेड का आईसीयू अस्पताल का बनाया जा रहा है। इसी तरह, किराड़ी में 458 बेड का आईसीयू अस्पताल बनवाया जा रहा है। दिल्ली सरकार सुल्तानपुरी में भी 527 बेड का सेमी आईसीयू अस्पताल बनवा रही है। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 596 बेड का अस्पताल बनवाया जा रहा है। जीटीबी अस्पताल में 1912 बेड का सेमी आईसीयू अस्पताल बनाया जा रहा है और सरिता विहार 330 बेड और रघुबीर नगर में 1577 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। सरिता विहार में बन रहे अस्पताल का आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दौरा कर स्थिति का जायजा भी लिया है। सभी अस्पताल के निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी अस्तपालों का निर्माण तय समय सीमा के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई जांच को लेकर मीडिया के सवाल पर कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि जब हम सार्वजनिक जीवन में आते हैं, तो हमें किसी भी जांच के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। सीबीआई ने पूरी जांच कर ली है। मनीष जी के घर पर भी 14 घंटे जांच हुई। मनीष जी के घर में भी कुछ नहीं निकला। सीबीआई ने मनीष जी से छह-सात घंटे तक गहन पूछताछ की और जितने प्रश्न पूछे, सब प्रश्नों के संतुष्टि पूर्वक जवाब दिए। सीबीआई ने आज उनका लॉकर चेक किया। लॉकर में भी कुछ नहीं निकला। एक तरह से सीबीआई की तरफ से अनौपचारिक रूप से क्लीन चिट मिल गई है, लेकिन सीबीआई के ऊपर राजनीतिक कारणों की वजह से दबाव है। हमें लगता है कि ये लोग हफ्ते-दस दिन के अंदर गिरफ्तार तो करेंगे। वो करते रहें, लेकिन सीबीआई की जांच में कुछ नहीं मिला। सीबीआई ने अनौपचारिक रूप से कह दिया कि हम संतुष्ट हैं। हमें मनीष सिसोदिया जी के यहां से कुछ भी नहीं मिला। हम तो शुरू से ही कह रहे थे कि यह जितनी भी कार्रवाई चल रही है, वो राजनीति से प्रेरित है और इसमें कुछ भी नहीं मिलने वाला है। 

वहीं उन्होंने ने स्कूलों की जांच के सवाल पर कहा कि मैं मीडिया में ही यह देख रहा था कि आरोप क्या हैं? आरोप यह है कि इन्होंने सरकारी स्कूल इतने ज्यादा क्यों बनाए? अगर ज्यादा बनाए हैं, तो यह तो देश के लिए अच्छी बात है कि गरीबों के बच्चे पढ़ेंगे। फिर ये कह रहे हैं कि स्कूलों के अंदर इतनी ज्यादा क्लासरूम क्यों बनाए? तो ज्यादा क्लासरूम बनाए, तो कोई क्लासरूम खाली तो है नहीं। क्लासरूम में बच्चे पढ़ रहे हैं। ऐसा तो नहीं है कि क्लासरूम में मेरी फैमिली रह रही है। फिर ये कह रहे हैं कि स्कूल में इतनी ज्यादा टॉयलेट क्यों बनवाए। हमने ज्यादा टॉयलेट इसलिए बनाए ताकि हमारी बच्चियों को वहां तकलीफ न हो। किसी बच्चों को तकलीफ न हो। फिर ये कह रहे हैं कि क्लासरूम के अंदर इतने महंगे-महंगे उपकरण लेने की क्या जरुरत थी, डिजिटल बोर्ड लगाने की क्या जरूरत थी? इतने शानदार डेस्क बनाने की क्या जरुरत थी? गरीबों के ही तो बच्चे आते हैं, वो सस्ते में पढ़ लेते। हम तो अपने गरीबों और अमीरों, सबके बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। हमें तो लगता नहीं है कि हमने कोई गलत काम नहीं किया है। हम तो सब बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। अमीरों और गरीबों के बच्चों को सबकों एक जैसी शिक्षा मिले। एमसीडी के स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। अब एमसीडी में भी सरकार आएगी, तो हम एमसीडी के स्कूलों को भी अच्छा करेंगे।
उन्होंने ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि जब भी ये कुछ कहते हैं और जब जनता इनकी नहीं सुनती है, तो फिर ये किसी को सामने लाते हैं। जैसे पंजाब के चुनाव के पहले इन्होंने कहा कि केजरीवाल आतंकवादी है। तब जनता इनकी बातों पर हंसने लग गई। फिर इन्होंने कुमार विश्वास को आगे किया और उनसे कहलवाया। अब ये कह रहे हैं कि शराब नीति में घोटाला हो गया। जबकि सीबीआई ने कह दिया कोई घोटाला नहीं हुआ है। जनता इनकी बात नहीं मान रही है, तो अब ये अन्ना हजारे जी के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। ये तो ऐसे करते ही रहते हैं। यही तो राजनीति है। मेरा अपना यह मानना है कि अब सीबीआई की जांच हो गई है। जांच में कुछ भी नहीं निकला। अब इसके ऊपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। दूसरी बात कि दिल्ली के अंदर 20-20 करोड़ रुपए देकर जो ये हमारे एमएलए खरीदना चाहते थे। उसकी जांच होनी चाहिए। हम जांच से नहीं भागे। हमें जांच से डर नहीं लगता। क्योंकि हमने कोई गलत काम नहीं किया है। फिर ये जांच से क्यों भाग रहे हैं? उसकी भी तो जांच होनी चाहिए। 20-20 करोड़ रुपए में 40 विधायक खरीदना चाह रहे थे। इसके लिए 800 करोड़ रुपए रख रखे थे, उसकी जांच से क्यों भाग रहे हैं, उसकी जांच क्यों नहीं करा रहे हैं।

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