रेलवे बहाली से जुड़े दस साल पुराना मामला पर सीबीआई का छापा और श्री लालू प्रसाद व उनके परिवार के लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई को दस सालो तक रोके रखने को लेकर सीबीआई के विरुद्ध भी कार्रवाई करने की मांग
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य कार्य समिति के सदस्य एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तिखार महमूद ने किया है। श्री महमूद ने कहा है कि वर्षों तक जेल में रहने के बाद श्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के तमाम मामलों में जब जमानत पर हैं, तब 10 साल पुराने मामले पर कार्रवाई करने से पुष्टि होती है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लालू प्रसाद यादव से भयभीत है।
दस साल पुराने रेल बहाली के मामले को दबाकर रखने के बाद अब प्राथमिकी दर्ज कर छापा मारा गया है। सीबीआई से पूछा जाना चाहिए कि दस सालो से रेलवे बहाली से संबंधित मामले को दबाकर क्यों रखा गया। श्री महमूद ने कहा कि सर्वप्रथम तो सीबीआई पर कार्रवाई होनी चाहिए जो 10 -10 सालों तक मामले को दबा कर रखे रहती है, बिना निष्पादन किए जांच की कार्रवाई को रोक देती है। सुशांत सिंह राजपूत के हत्या का मामले मे सच्चाई को बिना सामने लाये, बिहार का चुनाव समाप्त होते ही, रुक गया , मुजफ्फरपुर का लड़कियों के आश्रम से जुड़ा सृजन घोटाला की भी जांच अधूरी पड़ी हुई है, भाजपा जदयू गठबंधन की सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए श्री मेवालाल यादव से जुड़ा हजारों करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई ने अभी तक क्यों नहीं शुरू किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय को, जिसके नियंत्रण और निर्देशन पर सीबीआई काम करती है, यह बतलाना चाहिए कि सीबीआई की कार्रवाई करने का मानक स्तर क्या है। किसी मामले को रोक देना, किसी मामले पर करवाई करना- इस बात की पुष्टि करता है कि सीबीआई कानून के प्रति नहीं, सत्ता में बैठे लोगों के प्रति निष्ठा होकर काम करती है।
श्री इफ्तेखार महमूद ने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई का मानक स्तर समाप्त हो गया है। सत्ताधारी दल को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए यह संस्था काम कर रही है।
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