वरिष्ठ समाजसेवी सपा नेता नफीस अहमद अंसारी द्वारा केजीएन एनक्लेव में रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए पीलीभीत से ब्यूरो चीफ शाहिद खान की रिपोर्ट, 

नफीस अहमद अंसारी द्वारा कराई गई रोजा इफ्तार नुमाइशी रोजा़ इफ्तार ना होकर सबाबी रोजा इफ्तार देखी गई, 

पीलीभीत, समाजवादी पार्टी के नेता वरिष्ठ समाजसेवी नफ़ीस अहमद अंसारी ने नकटा दाना स्थित  केजीएन एनक्लेव में आज 28 वें रमजान पर  रोजा इफ्तार का आयोजन किया, आज के रोजा़  रफ्तार कार्यक्रम में ख़ास बात यह  रही कि शहर के मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग के साथ ही बड़ी संख्या में रोजेदारों ने रोजा इफ्तार के कार्यक्रम में शिरकत की,




और रोजा इफ्तार किया, वरिष्ठ समाजसेवी सपा नेता नफीस अहमद अंसारी द्वारा कराई गई रोजा इफ्तार पूरी तरह से सबाबी रोजा इफ्तार कही जा सकती है, क्योंकि आज के दौर में रोजा इफ्तार कार्यक्रमों में नुमाइशी प्रचलन तेजी से बढ़ गया है, गौरतलब है राजनीतिक लोगों द्वारा कराए जाने वाले रोजा इफ्तार में रोजदार कम बगैर रोजगार बड़ी संख्या में रोजा इफ्तार में शामिल होते हैं, और ऐसी रोजा इफ्तार पार्टियों में रोजे की पाकिज़गी क्या होती है, यह रोजा इफ्तार के आयोजक भी भूल जाते हैं, ऐसी ही रोजा इफ्तार पार्टियों को नुमाइशी  रोजा इफ्तार कहा जाता है, परंतु आज वरिष्ठ समाजसेवी सपा नेता नफ़ीस अहमद अंसारी कराई गई रफ्तार पार्टी में खासतौर से इस बात का ध्यान रखा गया था, की अधिक से अधिक संख्या में रोजेदारों को ही इफ्तार कराई जाए, आज की रोजा इफ्तार पर बड़ी संख्या में शहर के विभिन्न इलाकों से रोजेदारों ने आकर रोजा इफ्तार की ओर मगरिब की नमाज भी अदा की, मगरिब की नमाज के बाद मुल्क में अमनो- अमन के लिए दुआएं खै़र की गई, मगरिब की नमाज के बाद रोजा इफ्तार में आए सभी रोजेदारों ने एक साथ एक दसतरख़ान पर बैठकर खाना खाया, इस दौरान कुछ लोगों में खास तौर से इस बात की चर्चा हो रही थी, नफीस अहमद अंसारी गरीब ग़ुरबाओ और कमजोर वर्ग के बेसहारा लोगों के लिए हमेशा मदद के लिए आगे आते रहे हैं, कुछ लोग इस तरह की भी चर्चा कर रहे थे, की नफीस अहमद अंसारी एक ग़रीब परवर इंसान है, उनके हमेशा लोगों की मदद के लिए उनके दरवाजे खुले रहते हैं, चाहे फिर लाक डाउन का दौर रहा हो, या मज़लूमो की मद्द की बात हो, या फिर गरीब बेसहारा बेटियों की शादियों मैं मदद की बात हो नफीस अहमद अंसारी हमेशा आगे बढ़कर लोगों की मदद में हिस्सा लेते हैं, इस दौरान कई लोगों ने हमारे संवाददाताओं को बताया की यूँ तो शहर में  सरमाएदार मुसलमानों की कोई कमी नहीं है, परंतु नफीस अहमद अंसारी की पहचान उन सभी सरमाएदार से अलग है, क्योंकि नफीस अहमद अंसारी के यहां आने वाला कोई भी परेशान हाल व्यक्ति वह चाहे किसी भी धर्म से ताल्लुक रखता हो, नफीस अहमद अंसारी की कोशिश होती है, की उनके यहां से कोई भी मायूस होकर कभी ना जाए, लोगों में इस बात की भी चर्चा देखी गई कि अगर नफीस अहमद अंसारी की तरह अन्य सरमाएदर भी इसी दरियादिली के साथ लोगों की मदद के लिए आगे आ जाएं तो कोई भी गरीब मदद से मैहरूम नहीं रह पाएगा | आज के रोजा इफ्तार कार्यक्रम में शहर के सत्रांत नागरिकों के शहर के प्रत्येक मोहल्ले से आए रोजेदारों ने रोजा इफ्तार में हिस्सा लिया |

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