जहांगीरपुरी दंगे के असली दोषियों को पकड़े पुलिस।

हनुमान शोभा यात्रा में शामिल लोगों के हाथों में थीं तलवारें और पिस्तौल। मुंह पर थे आपत्तिजनक भड़काऊ नारे, और कार्य था मस्जिद में भगवा झंडा लगाना, 

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर) 
जहांगीरपुरी में जो कुछ हुआ और अब हो रहा है वह ठीक नहीं है। पुलिस ने जांच के लिए 10 टीमों का गठन किया है। लेकिन अभी तक हिरासत में लिए सभी लोगों का एक ही धर्म विशेष का होना अनेक सवाल खड़े कर रहा है। एक नहीं अनेक विडियो और चश्मदीद सामने आ चुके हैं जो साफ़ साफ़ कह रहे हैं कि दंगा सुनियोजित था और हनुमान शोभा यात्रा में शामिल लोगों ने आपत्तिजनक नारे लगाए तथा मस्जिद का अपमान किया। जिससे दंगा - फसाद हुआ। शोभायात्रा में शामिल लोगों के हाथो में तलवारें, चाकू, लाठी और पिस्तौल थे।






दंगे के बाद, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दर्जनों मुस्लिम नौजवानों को गिरफ़्तार किया है। जो कदापि न्यायोचित नहीं है। दिल्ली में अनेक लोगों ने इस पर अनेक सवाल और आपत्ति प्रकट की है कि पुलिस पक्षपातपूर्ण और एक धर्म विशेष के लोगों के ख़िलाफ़ कार्य कर रही है। 
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्त्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि  किसी भी धार्मिक यात्रा मे हथियारों का क्या काम -? क्या पुलिस को यह हथियार नज़र नहीं आते। और उसे इस्लाम और मुस्लमानों के विरूद्ध आपत्तिजनक नारेबाज़ी सुनायी नहीं देती। श्रीराम और हनुमान जी के नाम से निकाले जाने वाले तमाम जुलूस और शोभा यात्रा वास्तव मे मुस्लमानों के क़त्ल की साज़िश का हिस्सा हैं।
चश्मदीद मौलाना मस्तान, साजिद और मोहम्मद शाहिद सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि शोभायात्रा को कई कई बार निकाला गया। साथ ही मस्जिद के सामने पहुंच कर कुछ तत्वों ने बदतमीजी और उग्रता का प्रदर्शन किया। और मस्जिद में घुसकर भगवा झंडा लगाया। जो इस झगड़े का आधार बना। इसलिए असली  दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।

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