रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव पर विश्व मानवाधिकार संरक्षण आयोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

 प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव पर विश्व मानवाधिकार संरक्षण आयोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में किया गया।

इस सेमिनार में मुख्य रूप से चर्चा का विषय रहा "संयुक्त राष्ट्र : यूक्रेन युद्ध और भारत"। देश के अलग-अलग हिस्सों से विदेशी मिशनों के डिप्लोमैट, वकील, नीति निर्माता, शिक्षाविद और संसद सदस्यों ने हिस्सा लिया।



साउथ अफ्रीका के मुख्यम  आर्थिक सलाहकार और आर्थिक मामलों के जानकार एस सी प्रधान ने कहा कि युद्ध और अशांति से कभी किसी का भला नहीं होता और सबसे बडा नुकसान होता है आर्थिक मोर्चे पर और उसका असर पूरी दुनिया को झेलना पडता है। इनके अलावा इस सेमिनार में संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि इस कार्यशाला में शामिल हुए और इस पर सभी ने अपने विचार रखे। इस दौरान डब्ल्यूएचआरपीसी के अंतरराष्ट्रीय निदेशक डॉ. अभिन्न होता ने भी बतौर मुख्य वक्ता अपने विचार रखे। उन्होंने कहा की विश्व में शांति की जरूरत है, युद्ध से कभी किसी का भला नहीं होता। इस मौके पर मानवाधिकार संरक्षण आयोग संगठन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. तपन राउत राय बैठक की अध्यक्षता की। डब्ल्यूएचआरपीसी संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित अधिकारों के यूनिवर्सिल डिक्लेरेशन की रक्षा के लिए समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो युद्ध को रोकने, समस्या को हल करने और शांति की स्थापना के लिए राजनयिक वार्ता का सहारा लेने की वकालत करता है। इस मौके पर केंद्रीय जल एवं जनजातीय मामलों के मंत्री विशेश्वर टुडू, सांसद नरेश बंसल, इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर क्रिश्चियन बोसमैन, मिसेज इंडिया यूनिवर्स रूपल मोहंता, डब्ल्यूएचआरपीसी की अंतर्राष्ट्री य अध्य क्ष जिहोसूया जेना ने भी अपने विचार रखें।

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