आईडीपीडी ने बजट में स्वास्थ्य की अनदेखी को बताया घोर निराशा।इंडियन डॉक्टर्स फॉर पीस एंड डेवलपमेंट
(आईडीपीडी) ने वार्षिक बजट को स्वास्थ्य बजट की दृष्टि से पूर्ण निराशा करार दिया। अध्यक्ष डॉ. एस एस सूदन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. अरुण मित्रा और डॉ शकील उर रहमान जनरल सेसी ने कहा कि आज उनके लंबे भाषण में स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाने के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया है. केवल मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ही उल्लेख है कि कोई विशेष बजटीय मंजूरी की घोषणा नहीं की गई है। टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में कई देश ऐसे हैं जिन्होंने जनसंख्या के अनुपात में हमसे भी बेहतर टीकाकरण दर हासिल की है। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय के हिसाब से भारत दुनिया में सबसे कम 5 में से एक है। हमारा स्वास्थ्य खर्च सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1.1% है। पिछले साल के पिछले बजट में स्वास्थ्य के लिए कुल आवंटन केवल 2.04% था। बुनियादी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय पर सकल घरेलू उत्पाद का न्यूनतम 5% आवश्यक है। तत्काल आवश्यकता के रूप में बजटीय आवंटन 2.04 एल% से बढ़ाकर न्यूनतम 6% किया जाना चाहिए था।
डॉ अरुण मित्र
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
शांति और विकास के लिए भारतीय डॉक्टर (आईडीपीडी)
139-ई, किचलू नगर, लुधिअना - 141001 (पंजाब)
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