उर्दू को लेकर मंडावली में हुई बैठक में शामिल रहे दिल्ली उर्दू अकादमी समिति के कई एक्जीक्यूटिव मेंबर।

तरक्की में रुकावटों के बावजूद भी उर्दू ज़िन्दा कौम की ज़ुबान है : मुन्ना ख़ान

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर)

"उर्दू मीठी और हम सब के बीच बोली जाने वाली ज़िन्दा कौम की ज़ुबान है इसकी तरक्की में आने वाली रुकावटों को दूर किया जाना चाहिए" ऐसे ही विचारों से ओतप्रोत एक बैठक पड़पड़ गंज विधानसभा क्षेत्र में मंडावली में संपन्न हुई।

जिसमें दिल्ली उर्दू एकेडमी समिति के कई एग्जीक्यूटिव मेंबर भी शामिल रहे। उर्दू हिंदी पत्रकारों के बीच उर्दू प्रेमी मुन्ना खान ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि यकीनन उर्दू जिंदा कौम की ज़ुबान है और इस को भुलाया नहीं जा सकता की उर्दू ने देश की आज़ादी के आंदोलन में अहम किरदार अदा किया है। "इंकलाब जिंदाबाद" जैसा नारा उर्दू ने दिया जिसने देश को आजादी दिलाने के साथ-साथ देश के लोकतंत्र की आवाज़ को आज भी बुलंद रखा है। उर्दू अकादमी दिल्ली कमेटी के एक्जीक्यूटिव मेंबर जावेद रहमानी ने कहा कि उर्दू ज़ुबान के फरोग़ के लिए जो कुछ हो सकेगा हम करने के लिए तैयार हैं।

एक पत्रकार के यह पूछने पर कि दिल्ली में और स्कूलों में उर्दू ज़ुबान की हालत ठीक नहीं है और उर्दू अकादमी इसमें कोई बड़ा सफल कार्य नहीं कर पा रही है -? के जवाब में कहा गया कि बजट और कम संसाधनों के चलते लगातार कोशिश की जाती है कि उर्दू तरक्की करे।

इस बैठक में मौजूद लोगों में मुन्ना ख़ान के अलावा सलीम सिद्दीक़ी, ज़ियाउल्लाह, रफ़अत अली ज़ैदी, जावेद रहमानी, सईद अहमद, अज़हर इमाम रिज़वी, अनवार अहमद नूर, नईम अख्तर शामिल रहे।

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