1857 क्रांति के योद्धा अमर शहीद शेख भिखारी और उरांव सिंह टीकैत का शहादत दिवस झारखंड के ऐतिहासिक नगरी डालटेनगंज में राष्ट्रीय मोमिन कॉन्फ्रेंस झारखंड के द्वारा आयोजित किया गया।

1857 क्रांति के योद्धा अमर शहीद शेख भिखारी और उरांव सिंह टीकैत का शहादत दिवस झारखंड के ऐतिहासिक नगरी डालटेनगंज में राष्ट्रीय मोमिन कॉन्फ्रेंस झारखंड के द्वारा आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि 8 जनवरी 1957 को झारखंड के रामगढ़ के निकट  चुट्टूपालु के बरगद के पेड़ से इन दोनों क्रांतिकारियों को अंग्रेज हुकूमत ने फांसी दे दिया था। शहादत दिवस समारोह को संबोधित करते हुए झारखंड के दिग्गज वामपंथी नेता केडी सिंह ने स्वतंत्रता आंदोलन के मूलभूत उद्देश्य एवं आंदोलनकारियों के कृत्य पर प्रकाश डाला।

समारोह को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ के राष्ट्रीय सचिव और झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि देश में 1947 के पूर्व की धार्मिक नफरत वाली स्थिति फिर से पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर राष्ट्र को खंडित करने वाले तत्व पुण: पुरानी स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि देश की एकता अखंडता और भाईचारा पर हमला करने वालों के खिलाफ आंदोलन करना होगा। श्री महमूद ने लोगों से अपील किया कि धर्म के नाम पर विभाजन करने वाले तत्वों  के खिलाफ अभियान चलाया जाए। इस अवसर पर शहर के मसूर चिकित्सक डॉ अनवर नेजाम, राजद नेता रामनाथ चंद्रवंशी, खुर्शीद आलम (बोकारो), बसीरुल हक,डा० तसलीम इत्यादि ने भी अपने विचार रखे। समारोह का अध्यक्षता राष्ट्रीय मोमिन कॉन्फ्रेंस झारखंड  के अध्यक्ष श्री सुलेमान अंसारी ने किया।

     

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