"उर्दू मीठी और जहां - तहां बोली जाने वाली ज़ुबान है" : उर्दू डे का पैग़ाम
मदरसा अनवारूल उलूम स्योहारा के योमे उर्दू प्रोग्राम में बच्चों की उर्दू के लिए हौंसला अफ़ज़ाई।
मुख्य अतिथि असजद चौधरी एवं क़ारी मोहम्मद नाज़िर ने उर्दू को अपनाने पर दिया ज़ोर।
स्योहारा (बिजनौर - उत्तर प्रदेश) पूरी दुनिया में जाने पहचाने जाने वाले मशहूर शायर, लेखक और साहित्यकार अल्लामा इकबाल का योमे पैदाइश आज उर्दू दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर स्योहारा ज़िला बिजनौर उत्तर प्रदेश के मदरसा अनवारूल उलूम मोहल्ला, पटवारियान, स्योहारा में एक प्रोग्राम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्योहारा यूथ सोसायटी के संरक्षक असजद चौधरी रहे, जबकि अध्यक्षता एम क्यू इंटर कॉलेज के उर्दू विभागाध्यक्ष क़ारी मोहम्मद नाज़िर ने की। संचालन अध्यापक तनवीर अहमद द्वारा किया गया। इस मौके पर मुख्य रूप से ग्राम मंगलखेड़ा के ग्राम प्रधान परवेज़ अख्तर, हिरा पब्लिक स्कूल समिति की अध्यक्षा एवं पेंशनर हज्जन नसीमा बेगम, मदरसे का समस्त स्टाफ, तनवीर अहमद तथा अनवार अहमद, शीना परवीन, फिज़ा परवीन, निशा परवीन आदि मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि असजद चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे खुशी है कि आज मुझे उर्दू डे के मौके पर आपसे और बच्चों से मिलना नसीब हुआ, मैं बच्चों की तारीफ करता हूं कि वह पढ़ने लिखने में अपना ज़हन लगा रहे हैं।
अनवार अहमद नूर ने अल्लामा इकबाल की जिन्दगी और शायरी पर संक्षेप में बताते हुए कहा कि उनका संदेश इल्म, अदब और मज़हब सहित सभी जीवन क्षेत्रों के लिए रहा। उन्होंने तराना ए हिंद में हुब्बुल वतनी की बेजोड़ मिसाल पेश की। तो इंसान को ख्वाबे ग़फ़लत से भी बेदार किया।
"सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं इसके यह गुलसितां हमारा।"
सारी दुनिया में गाया जाता है। जबकि भारत सहित दुनिया भर में यह दुआ स्कूलों मदरसों और संस्थानों में पढ़ी जाती है कि -
लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी।
जिन्दगी शम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी।
क़ारी नाज़िर ने दुनिया भर में बोली जाने वाली ज़ुबान उर्दू की नफासत, नज़ाकत और अहमियत बयान की। बच्चों और बड़ों को उर्दू को ज्यादा से ज़्यादा अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उर्दू डे का मकसद उर्दू को फरोग़ देना होना चाहिए। इस लश्करी जुबां को अपनाना हम सब के लिए फायदेमंद है। क्योंकि यह बहुत मीठी ज़ुबान है। उन्होंने स्कूल के बानी हाजी अबरार अहमद को और स्टाफ सुआलेहा परवीन की तारीफ़ करते हुए खिराजे अकीदत पेश की। और अल्लाह से उनके लिए दुआ की।
अनवार अहमद नूर ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा करते हुए बच्चों के रौशन मुस्तकबिल के लिए दुआ की।
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