ओखला में मौलाना कलीम सिद्धकी की रिहाई की मांग लेकर लोगों ने किया प्रदर्शन।

योगी और मोदी सरकार के विरुद्ध जमकर की गई नारेबाजी।

नई दिल्ली(अनवार अहमद नूर)आज देर शाम ओखला में बटला हाउस चौक पर स्थानीय लोगों ने एक प्रदर्शन करके मौलाना कलीमउद्दीन सिद्दीकी और उमर गौतम आदि को तुरंत रिहा करने की मांग रखी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की तथा आरोप लगाया कि वह मुसलमानों के साथ भेदभाव पूर्ण और अत्याचारी रवैया अपनाया जा रहा है। 
इन लोगों ने यहां जमकर नारेबाजी की। इनके नारे थे - 
यूपी सरकार होश में आओ, 'मुस्लिमों से नफ़रत बंद करो'। योगी सरकार मुर्दाबाद, मोदी सरकार मुर्दाबाद,। धर्म की राजनीति बंद करो। योगी मोदी मुर्दाबाद। झूठे मुकदमें वापस लो। मौलाना कलीम को रिहा करो। यूपी एटीएस मुर्दाबाद। 
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चूंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। इसलिए लोगों के जीवन से जुड़े मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे मामले किए जा रहे हैं। 
मौलाना मेहरबान फूलतवालों ने मौलाना कलीम सिद्दीकी के बारे में बताया कि वह एक नेक इंसान हैं और वह मदरसे और इस्लाम का काम ज़रूर करते हैं लेकिन जिस तरह के आरोप उन पर लगाए गए हैं वह सारे झूठे और मनघड़न्त हैं। अन्य कई लोगों ने बताया कि वर्तमान में सरकार की नीति और नियत में खोट है। इस क्रोनोलॉजी को समझना होगा। क्योंकि कपड़ों से पहचानने वाले यह लोग भटक गए हैं। 
उत्तर प्रदेश में शिक्षा महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत का वातावरण बनाकर एक तरह का खेल खेला जा रहा है। उसी के परिणाम स्वरूप उलमा हजरात पर हाथ डाला गया है। और उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया गया है इसलिए उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। 
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा 
मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ्तारी की देश भर में प्रतिक्रिया हुई है। और इसे उत्तरप्रदेश सरकार का एक अनुचित कदम बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के वर्तमान हालात और होने वाले विधानसभा चुनावों के वातावरण में इसे उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा एक वर्ग विशेष के वोटरों को लुभाने तथा मुसलमानों को डराने धमकाने वाला कदम बताया जा रहा है। बड़े पैमाने पर माना जा रहा है कि मुसलमानों के संबंध से ऐसे मामले लाए जा रहे हैं जो झूठ पर आधारित होने के साथ ही मुसलमानों को फंसाने और डराने वाले हैं। यूपी सरकार चुनाव से पहले प्रदेश के मुसलमानो को अपनी शक्ति के प्रभाव में लेना चाहती है। इसलिए वह इनके प्रमुख विद्वानों और धर्म गुरुओं तक पर हाथ डाल रही है। जिसमें मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ्तारी का मामला भी है। 


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