फूलन देवी के शहादत दिवस पर खिराज-ए-अक़ीदत।
फूलन देवी के शहादत दिवस पर खिराज-ए-अक़ीदत।
चंबल के बीहड़ों से संसद तक पहुँची फूलन देवी।
आज जिस तरह बलात्कार के मामले जगह जगह से आ रहे हैं। ऐसे में फूलन देवी को याद करना कुछ ज्यादा जरूरी हो जाता है क्यूंकि 18 साल के उम्र में उनके साथ सामूहिक बलात्कार होने पर उन्होंने ने बलात्कारियों को मुहँ तोड़ जवाब दिया 22 बलात्कारियों की हत्या करके बदला लिया,जो बहमाई हत्याकांड से जाना जाता है।11 साल बिना सुनवाई जेल में रहना पड़ा। साल 1996 में मिर्जापुर से सांसद चुनकर दिल्ली गयी। ऐसे दौर में बलात्कारियों को क़ानूनी तौर पर मौत के घाट उतारना बेहद जरूरी है। आज ही के दिन उन्हें शहीद कर दिया गया। फूलन देवी के शहादत दिवस पर खिराज-ए-अक़ीदत।
इंक़लाब ज़िंदाबाद ✊
- पीपुल्स एलाइंस सिद्धार्थनगर
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