कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए ‘‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’’ के अंतर्गत वित्तीय सहायता मिलेंगी

 कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए ‘‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’’ के अंतर्गत वित्तीय सहायता मिलेंगी



बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए स्टाफ रिपोर्टर अनीता की खास रिपोर्ट


सहारनपुर, दिनांकः 03 जून, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए ‘‘उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’’ के अंतर्गत राज्य सरकार अनाथ बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य, बेहतर शिक्षा-दीक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी। प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड-19 के चलते अनाथ हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनके माता/पिता/संरक्षक को 4000 रूपए प्रतिमाह प्रति बच्चे को वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा के अनुपालन में आदेश जारी कर दिये गये है।

जिलाधिकारी श्री अलिखेश सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में अनाथ हुए ऐसे 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे जिनके गार्जियन/एक्सटेण्डेड फैमिली नहीं है, को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में आवासित कर उनकी देखभाल की जाएगी। अवयस्क बच्चियों की देखभाल एवं उनकी शिक्षा के लिए उन्हें कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) अथवा 13 राजकीय बाल  गृह (बालिका) अथवा प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी। प्रदेश सरकार कोविड-19 के कारण अनाथ बालिकाओं के विवाह के लिए एक लाख एक हजार रूपए की धनराशि उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि स्कूल अथवा काॅलेज में पढ़ने वाले अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी अनाथ बच्चों को निःशुल्क टैबलेट/लैपटाॅप की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। 

श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत 0-18 वर्ष के ऐसे बच्चों को शामिल किया जायेगा जिन्होंने 01 मार्च, 2020 के उपरान्त कोविड-19 के कारण अपने दोनों माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक जीवित थे उन्हें अथवा दोनों माता-पिता नहीं है, तो लीगल गार्जियन को खो दिया हो और जो अनाथ हो गये हों। उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिये। ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले माता/पिता को खो दिया हो, के परिवार की वार्षिक आय 02 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिये तथा ऐसे बच्चे जिन्होंने 01 मार्च, 2020 के उपरान्त कोविड-19 के कारण अपने दोनों माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक जीवित थे उन्हें अथवा दोनों माता-पिता नहीं हंै तो लीगल गार्जियन को खो दिया हो तथा अनाथ हो गये हों, को आय प्रमाण-पत्र से छूट प्रदान की गयी है। कोविड-19 से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एन्टीजन या आर0टी0-पी0सी0आर0 की पाॅजीटिव टेस्ट रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सी0टी0 स्कैन में कोविड-19 का इन्फेक्शन होने की रिपोर्ट होनी चाहिये। कोविड-19 का पेसेंट कतिपय परिस्थितियों में टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद भी postcovid complication     से उसकी मृत्यु हो गयी हो तो उस मृत्यु को भी कोविड-19 की वजह से होना माना जायेगा।

जिलाधिकारी ने योजना का लाभ के लिए आवेदन पत्र समस्त उप जिलाधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी तथा समस्त खण्ड विकास अधिकारी, के कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते है। आवेदन पत्र को पूर्ण कर उक्त कार्यालयों में से किसी भी कार्यालय में जमा कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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