पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर तथा एक्टिविस्ट डॉ0 नूतन ठाकुर ने केएमसी अस्पताल पर लगाये गए आरोपों के संबंध में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।


 मेरठ। केएमसी अस्पताल का आक्सीजन घोटाला तूल पकड़ने लगा है। पहलेे अस्पताल के एक सुपरवाइजर ने अपना वीडियो वायरल कर अस्पताल प्रबंधक डा0 सुनील पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि अस्पताल में आक्सीजन की कालाबाजारी की गई। वहीं मरीजों को कम आक्सीजन दी गई। जिसके चलते उनकी मौतें हुई हैं। वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर तथा एक्टिविस्ट डॉ0 नूतन ठाकुर ने केएमसी अस्पताल पर लगाये गए आरोपों के संबंध में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। 

डीजीपी यूपी तथा अन्य को भेजे अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि सुपरवाइजर देवेंद्र कुमार द्वारा लगाये गए गंभीर आरोपों के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की जगह जाँच के नाम पर हीलाहवाली किया जाना पूरी तरह गलत है।
उन्होंने कहा कि केएमसी अस्पताल के मालिक डॉ0 सुनील गुप्ता द्वारा सुपरवाइजर देवेन्द्र पर आरोप लगाये जाने के आधार पर जाँच बिठा दिया जाना सीधे-सीधे इस संवेदनशील मामले के साथ खिलवाड़ है। जिसके संबंध में चर्चा है कि डॉ सुनील गुप्ता के राजनैतिक एवं आर्थिक प्रभाव में मामले को रफादफा कर दिया जायेगा।
पूर्व आईपीएस अमिताभ तथा आरटीआई एक्टिविस्ट डा0नूतन ने कहा कि इस अस्पताल में अप्रैल माह में कई सारे कोविड रोगियों के बरती रहने एवं उनकी मौत होने की खबर आती रही। 25 अप्रैल 2021 को आधी रात केएमसी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो गई। जब स्वयं हॉस्पिटल प्रबंधन के अनुसार 188 मरीज भर्ती थे। ऑक्सीजन की कमी होने पर सिटी मजिस्ट्रेट भी अस्पताल में तत्काल पहुंचे थे। इसके अगले 26 अप्रैल को 09 कोविड रोगियों की मौत के समाचार भी आये थे।  इससे साफ़ है कि इस अस्पताल में पूर्व में भी 180-190 कोविड रोगियों के भर्ती होने तथा ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत होने के तथ्य सामने आये थे। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा जाँच के नाम पर हीलाहवाली करना घोर आपत्तिजनक है।

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