सभी देशवासी मंथन करें आरोप लगाकर सच्चाई छुपा दी जाती है


 सभी देशवासी मंथन करें आरोप लगाकर सच्चाई छुपा दी जाती है


 स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई किसानों के लिए बड़े-बड़े भाषण दे रहे थे जब गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी थे मनमोहन सरकार को लेटर लिख रहे थे किसानों को एमएसपी पर गारंटी कानून बनाया जाए स्वर्गीय सुषमा स्वराज विपक्ष की नेता बहस में किसानों के हक में कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही थी दिल्ली जंतर मंतर पर राकेश टिकट आदि के धरने में राजनाथ जी कांग्रेस पर आरोप लगाकर लंबी-लंबी फेंक रहे थे स्वर्गीय विजय गोयल किसानों के हक में कांग्रेश को ज्ञान का पाठ पढ़ाया था

बिहार में सरकारी मंडियां समाप्त हो गई किसानों की आय लगभग ₹4500 है उत्तर प्रदेश में लगभग ₹8500 है हरियाणा पंजाब में लगभग ₹18500 किसानों की आय है वहां एमएसपी पर 90% धान गेहूं आदि खरीदा जाता है मध्यप्रदेश में लगभग 50 सरकारी मंडियां समाप्त हो गई तथा लगभग 7 करोड़ का माल किसानों का व्यापारी लेकर फरार हो गए देश में लगभग 7000 मंडियां हैं जबकि 40000 मंडियों की आवश्यकता है बताया जा रहा है 9000 गोदामों की परमिशन अदानी अंबानी को मिल चुकी है देश में अदानी अंबानी के 8 गोदाम बन चुके हैं

लाल किले के साथ लगभग 40% सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर दिया सबका साथ सबका विकास अच्छे दिन का झूठा प्रोपेगेंडा रचाकर देश को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया पिछले 7 सालों में धरना प्रदर्शन आंदोलन भ्रष्टाचार अत्याचार बलात्कार हत्याएं आत्म हत्याएं मंदी बेरोजगारी जाति धर्म की द्वेष भावना इन सभी मैं डबल इजाफा हो गया

लेकिन तीन कृषि काले कानून आने से अन्नदाता ने मोदी सरकार की पोल खोल कर रख दी किसान अपने हक की लड़ाई ईमानदारी के साथ लड़ रहा है लगभग 140 दिन हो चुके हैं 300 से ज्यादा किसानों ने धरने में शहादत दे दी मोदी सरकार समझ रही है किसान कुछ दिन बाद हार कर बैठ जाएंगे 24 घंटे मेहनत भूख प्यास गर्मी  सर्दी को  सहन करने वाला लगभग 70%  देश जनता की पूर्ति  करने वाला  देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए जवान तैयार करने वाला अन्नदात मोदी सरकार के लिए कांटे की तरह चुभ रहा है जो हार मानने वाला नहीं है विपक्षी पार्टियों को देश की जनता को किसानों का मजबूती से साथ देना चाहिए किसान केवल अपने लिए नहीं लड़ रहा पूरे देश के लिए संघर्ष कर रहा है अन्नदाता अपने माल की कीमत व लागत मांग रहा है सरकार देना नहीं चाह रही दिलचस्प यह भी है किसान अपनी मजदूरी नहीं मांग रहा देश आजादी के बाद नेता व सरकारी व प्राइवेट कर्मचारी की सैलरी लगभग 1000 प्रतिशत तक बढ़ी है लेकिन किसान के माल की कीमत 25% तक बढ़ी है डीजल पेट्रोल 90 से 98% बढ़ा है बिजली बिल लगभग 400% बढ़ा है किसान की मेहनत मजदूरी को जोड़ा जाए तो 0% लाभ है 

किसान का हक नहीं मिलने के कारण हर वर्ष हजारों किसान आत्महत्या कर लेते हैं उम्मीद की किरण के साथ सरकार बदलते हैं लेकिन मायूसी के सिवा कुछ नहीं मिलता देश में लगभग 60% किसान खेती छोड़ने को मजबूर हैं जिसके हजारों उदाहरण हैं

तीन कृषि बिल मोदी सरकार लाकर भारत कृषि प्रधान देश है को समाप्त करना चाह रही है आगे आने वाला समय बीजेपी के लिए खतरनाक होगा या किसानों के लिए देखना बाकी है आर्थिक स्थिति के हिसाब से भारत देश बर्बादी के कगार पर खड़ा है समझना यह भी है अगर देश तरक्की करता है तो जिन वस्तुओं की कीमत केंद्र सरकार लगाती है उनकी कीमत में इजाफा होता है तो समझो देश कर्ज में डूब रहा है असल सवाल यह भी है सब कुछ बेच दिया अन्नदाता बाकी है


 फकीर आदमी हैं झोला उठाकर चल पड़ेंगे जो देश छोड़कर भाग गए विदेश में जाकर दोस्ती कर लेंगे समझना होगा सभी फसलों के लिए एमएसपी  पर गारंटी कानून बनेगा  फसलों का वाजिब दाम मिलेगा केंद्र की सरकार गिरेगी या ईवीएम गोदी मीडिया उद्योगपति भारी रहेंगे 


अजीब विडंबना है सरकार बनाने वाला वोटर कानून का विरोध या उल्लंघन करें तो अपराधी कानून बनाने व पालन कराने वाले कानून का उल्लंघन या दुरुपयोग करने पर भी सत्यवादी


जय जवान जय किसान सबका हक एक समान भारत देश में हो सबका सम्मान सभी मिलकर कर लो ध्यान


 चौधरी शौकत अली चेची

 उत्तर प्रदेश अध्यक्ष 

भारतीय किसान यूनियन बलराज

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